27/05/2012

AATM-VISVAS

ईश्वर ओर अपने आप मेँ यकिन रखो ओर कर्म करते जाओँ,
आत्मविश्वास बढ़ाने
का तरीका यह है कि तुम
वह काम करो जिसे तुम
करते हुए डरते हो। इस
प्रकार ज्यों-ज्यों तुम्हें
सफलता मिलती जाएगी
तुम्हारा आत्मविश्वास
बढ़ता जाएगा।जो मनुष्य
आत्मविश्वास से सुरक्षित
है वह उन चिंताओं और
आशंकाओं से मुक्त रहता है
जिनसे दूसरे आदमी दबे
रहते हैं।जिस प्रकार
दूसरों कि सेवा करना
सब
मनुष्य का कर्त्तव्य है,
उसी प्रकार अपने
आत्मसम्मान की हिफाजत
करना भी स्वयं का फर्ज है।
केवल इस शक्ति से वो पाया जा सकता है जो आपको कभी नामुमकिन सा लगता हो...
MKT

26/05/2012

RAB RAZI

Insan Mayus isliye hota Hai Kyoki Wo PARMAATMA ko Razi Karne Ke Bajaye
Logo ko Razi Karne me lga Rahta Hai Wo
Ye BhuL Jata Hai Ke
Rab Razi To Sab Razi.

25/05/2012

BOOK OF SUCCESS

सफलता का पथ दिखाने
वाली महत्वपूर्ण
पुस्तकें
जिन्होने मुझे प्रेरित किया

सफलता सम्बन्धि साहित्य
आज बाजार में बहुत आ
गये हैं। यह साहित्य
आपको को उस योग्य
बनाने में मदद करता हैं । मैं
स्वयं ऐसी साहित्यिक किताबे विगत
कुछ वर्षो से
खोजता रहा हूँ। इस क्रम
में जो प्रेरित
करने ,हिम्मत बढाने व
सक्षम बनाने
वाली व्यावहारिक
पुस्तके मुझे
मिली इनकी सूची दे
रहा हूँ।
'आपकी जीत'
"द सिक्रेट- रान्डाबर्न"
APJ Abdul Kalam :
Wings of Fire
Dale Carnegi : How to
Win Friends &
Influence People
:How to Stop Worry
and Start Living
Deepak Chopra : The
Seven Spiritual Laws
of Success
Kenneth Blanchard : The
One Minute Manager
and
Spencer Johnson
Napolean Hill : Think
and Grow Rich
Normen V. Peale : The
Power of Positive
Thinking
Stephen R. Covey : The
7 Habits of Highly
Effective People
Zig Ziglar : See You at
The Top
J. Krishnamurti : The
First And Last
Freedom


Osho : Meditation The
First And Last
Freedom


Joshpeh Murphy : The
Power of Your
Subconscious Mind

Raj Bapna : Mind Power
Study Technique
Mind Power Research
Institute, Mind
Chambers,
Win Wenger :

सफलता का पथ दिखाने
वाली महत्वपूर्ण
पुस्तकें
मुझे प्रेरित करने
वाली पुस्तकें
सफलता सम्बन्धि साहित्य
आज बाजार में बहुत आ
गया हैं। यह साहित्य
आपको को उस योग्य
बनाने में मदद करता हैं । मैं
स्वयं ऐसा साहित्य विगत
35 वर्षो से
खोजता रहा हूँ। इस क्रम
में जो प्रेरित
करने ,हिम्मत बढाने व
सक्षम बनाने
वाली व्यावहारिक
पुस्तके मुझे
मिली इनकी सूची दे
रहा हूँ।
APJ Abdul Kalam :
Wings of Fire
Dale Carnegi : How to
Win Friends &
Influence People
:How to Stop Worry
and Start Living
Deepak Chopra : The
Seven Spiritual Laws
of Success
Kenneth Blanchard : The
One Minute Manager
and
Spencer Johnson
Napolean Hill : Think
and Grow Rich
Normen V. Peale : The
Power of Positive
Thinking
Stephen R. Covey : The
7 Habits of Highly
Effective People
Zig Ziglar : See You at
The Top
J. Krishnamurti : The
First And Last
Freedom
कृष्णामूर्ति फाउण्डेशन
इण्डिया, राजघाट
फोर्ट, वाराणसी
Osho : Meditation The
First And Last
Freedom
रेबेल बुक ओशों कम्यून, पूणे
उपरोक्त पुस्तकांे के
हिन्दीअनुवाद उपलब्धहै।
Anthony Robbins :
Awaken the Giant
Within
:Unlimited Power
Simon & Schuster Inc.
1230 Avenue of the
Americas, New York.
Joshpeh Murphy : The
Power of Your
Subconscious Mind
Bantam Books, USA.
Raj Bapna : Mind Power
Study Technique
Mind Power Research
Institute, Mind
Chambers, Udaipur
Win Wenger : The
Einstein Factor
Prima Publishing,
California.

23/05/2012

WORK OF GOD-

रेत अगर मुट्ठी से फिसलती है
तो उसका भी एक मकसद
होता है...
'ईश्वर' उस
मुट्ठी को इसलिए खाली कराता है
क्योंकि वो वहां आसमान
को उतारने के लिए जगह
बनाना चाहता है...
हर कोई
चाहता है कि... इक मुट्ठी आसमान हो... ओर दुसरी मुटठी मेँ तारे हो क्योकि आसमान सफलता है ओर तारे अपनी मंजिल!
पर ये सब कर्म , लगन ओर विश्वास से मिलता है MKT

GOD WITH ME-

मेरे जन्म के समय ही ईश्वर ने
कहा था कि वह हमेशा मेरे
साथ रहेगा और सच में वह
मेरे साथ चलता रहा ।
जिस राह पर मैं चल
रहा था , वह बहुत कठिन
था। राह पर
जहाँ तहाँ पत्थर पड़े थे,
काँटे बिछे थे और सिर पर
चिलचिलाती धूप थी,
छायादार
पेड़ों का कहीं भी नामोनिशान नहीं था। ऐसे
पथ पर ठोकर
तो लगना ही थी,
सो लगी
और मैं गिर पड़ा।
मुझे गिरा देखकर ईश्वर
आगे नहीं बढ़ा और न
ही उसने मुझे सहारा देकर
उठाने कि चिंता जताई।
मैं
ही अपने प्रयास से उठ
खड़ा हुआ।
मेरे उठने के बाद
वह फिर मेरे साथ चलने
लगा।
मैं इसी तरह कई
बार गिरा और हर बार
मुझे ही अपने बल पर
उठना पड़ा।
ईश्वर ने
कभी भी मेरी मदद
नहीं की।
मुझे भी इनसे कोई
शिकायत नहीं रही।
परन्तु
मेरी ओर ध्यान देकर
चलने वाला ईश्वर स्वयं एक
पत्थर से टकराकर गिर
पड़ा।
मैंने तुरंत आगे बढ़कर
उसे उठाया।
यह देख
ईश्वर ने मुझसे कहा,
'तुम्हारे गिरने पर मैंने
तो कभी भी आगे बढ़कर
तुम्हें नहीं उठाया। फिर
भी मेरे गिरने पर तुम आगे
बढे।
मैंने तो सोचा की तुम
इस समय मुझे छोड़कर अकेले
आगे चल पड़ोगे। तुमने
ऐसा क्यों नहीं किया?'
मैंने कहा,
'हे
ईश्वर, तुमने मेरी मदद
नहीं की वह
तुम्हारी इच्छा थी।
मैं
स्वयं उठ सकता था,
इसलिए हरबार
उठता गया। मेरे उठने पर
तुम पूर्ववत मेरे साथ चलने
लगे।
मेरे उठने तक तुम रुके
रहे,
यही मेरे लिए
क्या कम था।
ओर जहाँ तक
तुम्हें उठाने का प्रश्न है,
वह मैंने इसलिए
किया क्योंकि मुझे
तो तुम्हारा साथ हर पल चाहिए
था।
सच कहूँ तो जब तुम मेरे
साथ होते
हो तो
मेरी तुम्हारे
प्रति आस्था बनी रहती है
और उसी आस्था के बल ओर विश्वास पर
मैं गिरने पर स्वयं ही उठने
में सफल रहा हूँ। तुम्हारे
साथ के बिना तो मैं एक
कदम भी आगे नहीं रख
पाऊंगा और अगर रख
भी पाया तो मुझे संतोष
नहीं मिलेगा।
एक
बच्चा सामने
माँ को देखकर ही कदम आगे
रखकर चलना सीखता है।
परन्तु इसके लिए उसे
सारी शक्ति सामने
बैठी माँ से ही मिलती है।'
'पर'
बच्चे के
गिरने पर माँ तो तुरंत आगे
बढ़कर उसे उठती है। मैंने
तो ऐसा कभी नहीं किया,'
ईश्वर ने कहा।

मैंने कहा,
'यदि तुम ऐसा करते होते
तो तुममें और माँ में फर्क
ही क्या रह जाता फिर।

22/05/2012

HEART FEELING STORY

.
एक छोटा सा लड़का जिस
की उम्र कोई 6 या 7 साल
थी. एक खिलोने की दूकान
पर खड़ा दुकानदार से कुछ
बात कर रहा था,
दुकानदार ने न जाने उससे
क्या कहा की वो वह से
थोडा सा दूर हट गया और
वहां से खड़े खड़े
वो कभी दुकान पर
रखी एक सुन्दर
सी गुडिया को देखता और
कभी अपनी जेब में हाथ
डालता. वो फिर आँख बंद
करके कुछ सोचता और फिर
दुबारा गुडिया को देखने
और अपनी जेब टटोलने
का क्रम दुहराने लगता.
.
वही कुछ दूर पर खड़ा एक
आदमी बहुत देर से
उसकी और देख रहा था.
वो आदमी जैसे ही आगे
को बढ़ा वो बच्चा दुकानद
ार के पास गया और कुछ
बोला फिर दुकानदार
की आवाज सुने
पड़ी की नहीं तुम ये
गुडिया नहीं खरीद सकते
क्योकि तुम्हारे पास
जो पैसे है वो काफी कम है.
.
वो बच्चा उस
आदमी की और मुड़ा और
उसने उस आदमी से
पूछा अंकल
क्या आपको लगता है
की मेरे पास वास्तव में कम
पैसे है. उस आदमी ने पैसे
गिने और बोला हां बेटा ये
वास्तव में कम है. तुम इतने
पैसो से
वो गुडिया नहीं खरीद
सकते. उस लड़के ने आह
भरी और फिर उदास मन से
उस गुडिया को घूरने लगा.
अब उस आदमी ने उस लड़के
से पूछा ” तुम ये
गुडिया ही क्यों लेना चाह
ते हो”. लड़के ने उत्तर
दिया ये
गुडिया मेरी बहिन
को बहुत पसंद है. और में ये
गुडिया उसको उसके
जन्मदिन पर गिफ्ट
करना चाहता हु. मुझे ये
गुडिया अपनी माँ को देनी
है, ताकि वो ये
गुडिया मेरे बहिन को दे दें
जब वो उसके पास जाये.
.
उस आदमी ने
पूछा कहा रहती है
तुम्हारी बहिन.
छोटा लड़का बोला मेरे
बहिन भगवान के पास
चली गयी है. और
पापा कहते है
जल्दी ही मेरी माँ भी उस
से मिलने भगवान के पास
जाने वाली है. और मै
चाहता हु की मेरी माँ जब
भगवान के पास जाये
तो वो ये
गुडिया मेरी बहीन के
लिए ले जाये. उस
आदमी की आखों से आंसू
छलकने लगे थे. पर
लड़का अभी बोल
ही रहा था.
.
वो कह रहा था की मै
पापा से
कहूँगा की वो माँ को कहे
की कुछ और तक दिन
भगवान के पास न जाये.
ताकि मै कुछ और पैसे
जमा कर लूँ और ये
गुडिया ले कर
अपनी बहिन के लिए भेज
दू. फिर उसने अपनी एक
फोटो जेब से निकली इस
फोटो में वो हँसता हुआ
बहुत सुन्दर दिख रहा था.
.
फोटो दिखाकर
वो बोला ये फोटो भी मै
अपनी माँ को दे दूंगा,
ताकि वो इसे
भी मेरी बहिन को दे
ताकि वो हमेशा मुझे याद
रख सके…………. मै जानता हु
की मेरी माँ इतनी जल्दी
मुझे छोड़ कर मेरी बहिन से
मिलने नहीं जाएगी.
लेकिन पापा कहते है
की वो 2 -1 दिन में
चली जाएगी.
उस आदमी ने झट से
अपनी जेब से पर्स
निकला और उसमे से एक
100 रुपए का नोट निकल
कर कहा……….. लाओ अपने
पैसे दो मै दुकानदार से
कहता हु शायद वो इतने
पैसे में ही दे दे. और उसने उस
लड़के के सामने रुपये गिनने
का अभिनय किया और
बोला…….. अरे तुम्हारे
पास तो उस
गुडिया की कीमत से
अधिक पैसे है. उस लड़के ने
आकाश की और देख कर
कहा भगवान
तेरा धन्यवाद….
.
अब वो लड़का उस आदमी से
बोला कल रात को मैंने
भगवान से कहा था की हे
भगवान मुझे इतने पैसे दे
देना की मै वो गुडिया ले
सकू. वैसे मै एक सफ़ेद गुलाब
भी लेना चाहता था किन्तु
भगवान से
ज्यादा मांगना मुझे ठीक
नहीं लगा. पर उसने मुझे
खुद ही इतना दे
दिया की मै गुडिया और
गुलाब दोनों ले सकता हु.
मेरी माँ को सफ़ेद गुलाब
बहुत पसंद है.
.
उस आदमी की आँखों से आंसू
नीचे गिरने लगे. फिर उसने
उन्हें संभलते हुए उस लड़के से
कहा ठीक है बच्चे
अपना ख्याल रखना. और
वो वहा से चला गया.
रस्ते भर उस आदमी के
दिमाग मै
वो लड़का छाया रहा.
फिर अचानक उसे 2 दिन
पहले अख़बार मै छपी खबर
याद आयी जिस में एक
हादसा छपा था की किसी
युवक ने शराब के नशे में एक
दूसरी गाड़ी को टक्कर
मार दी.
गाड़ी में सवार एक
लडकी की मौके पर
ही मौत हो गयी और
महिला गंभीर रूप से
घायल थी. अब उसके मन में
सवाल आया कही ये उस
लड़के की माँ और बहिन
ही तो नहीं थे.
अगले दिन अख़बार में खबर
आयी की उस
महिला की भी मौत
हो गयी है. वो आदमी उस
महिला के घर सफ़ेद गुलाब
के फूल ले कर गया. उस
महिला की लाश आँगन में
रखी थी. उसकी छाती पर
वो सुन्दर
सी गुडिया थी जो उस
लड़के ने ली थी और उस
महिला के एक हाथ में उस
लड़के की वो फोटो थी और
दुसरे में वो सफ़ेद गुलाब
का फूल था.
.
वो आदमी रोता हुआ
बाहर निकला. उसके मन मै
एक ही बात थी एक शराब
के नशे मै चूर एक युवक के
कारन एक
छोटा सा बच्चा अपनी माँ
और बहिन से दूर
हो गया जिन्हें वो बहुत
प्यार करता था.
.
इस कहानी को पढ़कर और
इस समय लिखते हुए भी मेरे
आँखों मै भी पानी है. और
शायद आपकी आँखों में भी आ
जाय

A BEST STORY

एक लडकी जन्म से
नेत्रहीन थी और इस
कारण वह स्वयं से नफरत
करती थी। वह
किसी को भी पसंद
नहीं करती थी, सिवाय
एक लड़के के
जो उसका दोस्त था। वह
उससे बहुत प्यार
करता था और उसकी हर
तरह से देखभाल करता था।
एक दिन लड़की ने लड़के से
कहा – “यदि मैं कभी यह
दुनिया देखने लायक हुई
तो मैं तुमसे शादी कर
लूंगी”।
एक दिन उसका किस्मत बदला किसी ने उस
लड़की को अपने नेत्र दान
कर दिए। जब
लड़की की आंखों से
पट्टियाँ उतारी गयीं तो
वह सब कुछ देख सकती थी।
उसने लड़के को भी देखा।
लड़के ने उससे पूछा – “अब
तुम सब कुछ देख सकती हो,जियो अपनी जिन्दगी अब
जान क्या तुम मुझसे
शादी करोगी?”
लड़की को यह देखकर
सदमा पहुँचा की लड़का
अँधा था। लड़की को इस
बात की उम्मीद नहीं थी।
उसने सोचा कि उसे
ज़िन्दगी भर एक अंधे लड़के
के साथ रहना पड़ेगा, और
उसने शादी करने से इंकार
कर दिया।
लड़का अपने दिल मेँ अफसोस ओर अपनी आँखों में आंसू
लिए वहां से चला गया।
कुछ दिन बाद उसने
लड़की को एक पत्र लिखा:
“मेरी प्यारी,
अपनी आँखों को बहुत
संभाल कर रखना,
क्योंकि वे मेरी ऑंखें हैं”।

KARM KARO-

एक गांव में दो दोस्त
रहते थे। एक का नाम
मोहन था और दूसरे
का सोहन। मोहन
मेहनती था। वह
हमेशा अपने खेतों में
काम करता।
खाली समय में भी वह
कुछ न कुछ
करता ही रहता था।
जबकि सोहन
आलसी था। वह भाग्य
पर अधिक
भरोसा करता था।
उसने खेतों में काम करने
के लिए नौकर रखे थें।
वह सोचता था जितना
किस्मत में लिखा है
उतना तो मिल
ही जाएगा। वह कभी-
कभी ही खेतों में
जाता था। पूरा दिन
घर में रहता या फिर
इधर-उधर घुमते रहता।
वह मोहन से
भी यही कहता था कि
खेतों में काम करने के
लिए नौकर रख ले और
खुद आराम करो। भाग्य
में जो लिखा है
उतना ही मिलेगा।
लेकिन मोहन
हमेशा यही कहता कि
कर्म भाग्य से भी ऊपर
है। काम करेंगे
तो उसका फल अवश्य
ही मिलेगा।
सोहन कई-कई
दिनों तक खेत पर
नहीं जाता तो नौकर
भी खेतों का ध्यान
ठीक से नहीं रखते और
अपनी मनमर्जी से काम
करते। न तो ठीक से
बुआई करते और न
ही सिंचाई।
जबकि मोहन दिन-
रात खेतों में काम
करता। थोड़े
दिनों बाद जब फसल
कटने का समय आया तब
सोहन खेत पर गया।
उसने
वहां देखा कि समय पर
सिंचाई न होने के
कारण फसल मुरझा गई
है। उसने अपन
नौकरों को बहुत
डांटा लेकिन तब तक
बहुत देर हो चुकी थी।
वहीं दूसरी ओर मोहन
के खेत में शानदार फसल
लहलहा रही थी।
यह देखकर सोहन
को मोहन की बात
याद आने लगी। वह
मोहन के पास गया और
उससे माफी मांगी और
वादा किया कि वह
आगे से भाग्य पर
निर्भर नहीं रहेगा।
क्योंकि भाग्य
भी उन्हीं लोगों का
साथ देता है जो कर्म
करते हैं।

TRUE FACT-

.....
Jiske sath aap dil khol ke hans skte ho uske sath aap
1 din reh skte ho.....
Lekin
Jiske sath aap dil khol ke ro skte ho uske sath aap
puri zindagi bita sakte ho...

EK POSITIVE SOCH-

एक बुद्धिमान
व्यक्ति ,जो लिखने
का शौकीन था ,लिखने
के लिए समुद्र के
किनारे जा कर बैठ
जाता था और फिर उसे
प्रेरणायें प्राप्त
होती थीं और
उसकी लेखनी चल
निकलती थी ।
लेकिन ,लिखने के लिए
बैठने से पहले वह समुद्र
के तट पर कुछ क्षण
टहलता अवश्य था । एक
दिन वह समुद्र के तट
पर टहल
रहा था कि तभी उसे
एक व्यक्ति तट से
उठा कर कुछ समुद्र में
फेंकता हुआ दिखा ।जब
उसने निकट जाकर
देखा तो पाया कि वह
व्यक्ति समुद्र के तट से
छोटी -
छोटी मछलियाँ एक-
एक करके
उठा रहा था और
समुद्र में फेंक रहा था ।
और ध्यान से अवलोकन
करने पर उसने
पाया कि समुद्र तट
पर
तो लाखों कि तादात
में छोटी -
छोटी मछलियाँ पडी
थीं जो कि थोडी ही
देर में दम तोड़ने
वाली थीं ।अंततः उससे
न रहा गया और उस
बुद्धिमान मनुष्य ने उस
व्यक्ति से पूछ
ही लिया ,"नमस्ते
भाई ! तट पर
तो लाखों मछलियाँ हैं ।
इस प्रकार तुम चंद
मछलियाँ पानी में फ़ेंक
कर मरने
वाली मछलियों का
अंतर कितना कम कर
पाओगे ?इस पर वह
व्यक्ति जो छोटी -
छोटी मछलियों को एक
-एक करके समुद्र में फेंक
रहा था ,बोला,"देखिए
!सूर्य निकल चुका है और
समुद्र की लहरें अब
शांत होकर वापस होने
की तैयारी में हैं । ऐसे
में ,मैं तट पर
बची सारी मछलियों
को तो जीवन दान
नहीं दे पाऊँगा । " और
फिर वह झुका और एक
और मछली को समुद्र में
फेंकते हुए
बोला ,"किन्तु , इस
मछली के जीवन में
तो मैंने अंतर
ला ही दिया ,और
यही मुझे बहुत संतोष
प्रदान कर रहा है ।
"इसी प्रकार ईश्वर ने
आप सब में भी यह
योग्यता दी है कि आप
एक छोटे से प्रयास से
रोज़ किसी न किसी के
जीवन में
'छोटा सा अंतर'
ला सकते हैं ।
जैसे ,किसी भूखे पशु
या मनुष्य को भोजन
देना , किसी ज़रूरतमंद
की निःस्वार्थ
सहायता करना
इत्यादि । आप
अपनी किस योग्यता से
इस समाज को , इस
संसार को या किसी एक इंसान को क्या दे रहे
हैं ,क्या दे सकते
हैं ,आपको यही
आत्मनिरीक्षण
करना है और फिर
अपनी उस
योग्यता को पहचान
कर रोज़ किसी न
किसी के मुख पर
मुस्कान लाने
का प्रयास करना है ।
और विश्वास
जानिए ,ऐसा करने से
अंततः सबसे अधिक
लाभान्वित आप
ही होंगे । ऐसा करने से
सबसे अधिक अंतर
आपको अपने भीतर
महसूस होगा ।
ऐसा करने से सबसे
अधिक अंतर आपके
ही जीवन में पड़ेगा!

21/05/2012

BEST STORY

|

हजरत मोहम्मद
साहब जब भी नमाज
पढ़ने मस्जिद
जाते तो उन्हें
नित्य ही एक
वृद्धा के घर के
सामने से
निकलना पड़ता
था। वह
वृद्धा अशिष्ट,
कर्कश और
क्रोधी स्वभाव
की थी। जब
भी मोहम्मद
साहब उधर से
निकलते, वह उन
पर कूड़ा-करकट
फेंक
दिया करती थी।
मोहम्मद साहब
बगैर कुछ कहे अपने
कपड़ों से
कूड़ा झाड़कर आगे
बढ़ जाते।
प्रतिदिन
की तरह जब वे
एक दिन उधर से
गुजरे तो उन पर
कूड़ा आकर
नहीं गिरा। उन्हें
कुछ हैरानी हुई,
किंतु वे आगे बढ़
गए।
अगले दिन फिर
ऐसा ही हुआ
तो मोहम्मद
साहब से
रहा नहीं गया।
उन्होंने दरवाजे
पर दस्तक दी।
वृद्धा ने
दरवाजा खोला।
दो ही दिन में
बीमारी के
कारण वह अत्यंत
दुर्बल हो गई
थी। मोहम्मद
साहब
उसकी बीमारी
की बात सुनकर
हकीम
को बुलाकर लाए
और
उसकी दवा आदि
की व्यवस्था की।
उनकी सेवा और
देखभाल से
वृद्धा शीघ्र
ही स्वस्थ
हो गई।
अंतिम दिन जब
वह अपने बिस्तर
से उठ
बैठी तो मोहम्मद
साहब ने कहा-
अपनी दवाएं
लेती रहना और
मेरी जरूरत
हो तो मुझे
बुला लेना।
वृद्धा रोने लगी।
मोहम्मद साहब
ने उससे रोने
का कारण
पूछा तो वह
बोली, मेरे
र्दुव्*यवहार के
लिए मुझे माफ कर
दोगे? वे हंसते हुए
कहने लगे- भूल
जाओ सब कुछ और
अपनी तबीयत
सुधारो।
वृद्धा बोली- मैं
क्या सुधारूंगी
तबीयत? तुमने
तबीयत के साथ-
साथ मुझे
भी सुधार
दिया है। तुमने
अपने प्रेम और
पवित्रता से मुझे
सही मार्ग
दिखाया है। मैं
आजीवन तुम्हारी
अहसानमंद
रहूंगी।
घटना का संदेश है
कि जिसने स्वयं
को प्रेम,
क्षमा व
सद्भावना में
डुबोकर पवित्र
कर लिया, उसने
संत-महात्माओं से
भी अधिक
प्राप्त कर
लिया।

BEST MOTIVATION STORY

|
एक बहुत बड़े
ठेकेदार के
यहां हजारों
मजदूर काम करते
थे। एक बार उस
क्षेत्र के
मजदूरों ने
अपनी मांगों को
लेकर हड़ताल कर
दी।
महीनों हड़ताल
चलती रही।
नतीजा मजदूर
भूखे मरने लगे और
रोजी-
रोटी कमाने के
लिए
दूसरी बस्तियों में
चले गए, लेकिन
दूसरी बस्तियों के
गरीब मजदूर इस
बस्ती में आ पहुंचे।
ठेकेदार नित्य
ही ऐसे
लोगों की तलाश
में रहता था,
जो उसके ठेके
का काम पूरा कर
सकें। अत: एक दिन
वह बस्ती के
चौराहे पर आकर
खड़ा हो गया।
तभी एक मजदूर
कंधे पर
कुदाली रखे
वहां आया।
ठेकेदार ने उससे
पूछा-
क्या मजदूरी लेगा
? मजदूर ने कहा-
बारह आने।
ठेकेदार ने उससे
कहा -
अच्छा दूंगा,
जाकर मेरे ईंटों के
भट्ठे के लिए
मिट्टी खोदो।
इसके बाद एक
दूसरा मजदूर
वहां आया,
ठेकेदार ने उससे
भी मजदूरी पूछी।
वह बोला- तीन
रुपए। ठेकेदार ने
उसे खान में
कोयला खोदने
भेज दिया। तीसरे
मजदूर ने बड़े ताव
से दस रुपए
अपनी मजदूरी
बताई। ठेकेदार ने
उसे हीरे की खान
में भेज दिया।
शाम
को तीनों मजदूरी
लेने पहुंचे। पहले ने
सौ टोकरी
मिट्टी खोदी।
दूसने ने दस मन
कोयला निकाला
और तीसरे को एक
हीरा मिला।
तीनों के हाथ पर
जब
मजदूरी रखी गई
तो पहला मजदूर
तीसरे मजदूर के
हाथ पर दस रुपए
देखकर नाराज
होने लगा। तब
ठेकेदार बोला-
तुम्हारी मजदूरी
तुमने ही तय
की थी। जिसमें
जितनी शक्ति और
इच्छा थी, उसने
उतनी मजदूरी
बताई और सभी ने
काम भी उसी के
अनुरूप किया है।
यह सुनकर
पहला मजदूर चुप
हो गया। सार
यह है
कि शक्ति ही
जीवन है,
दुर्बलता ही मृत्यु
है। अत:
आशावादी, दृढ़ व
अनुकूल
विचारों को
अपनाकर
कर्म
करना चाहिए।
,
,
: प्रेरक प्रसंग
[ ]
एक बार
अमेरिका के
राष्ट्रपति
जॉर्ज वॉशिंगटन
नगर
की स्थिति का
जायजा लेने के
लिए निकले।
रास्ते में एक जगह
भवन
का निर्माण
कार्य चल
रहा था। वह कुछ
देर के लिए
वहीं रुक गए और
वहां चल रहे
कार्य को गौर से
देखने लगे। कुछ देर
में उन्होंने
देखा कि कई
मजदूर एक बड़ा-
सा पत्थर
उठा कर इमारत
पर ले जाने
की कोशिश कर
रहे हैं। किंतु
पत्थर बहुत
ही भारी था,
इसलिए वह इतने
मजदूरों के उठाने
पर भी उठ
नहीं आ रहा था।
ठेकेदार उन
मजदूरों को पत्थर
न उठा पाने के
कारण डांट
रहा था पर खुद
किसी भी तरह
उन्हें मदद देने
को तैयार
नहीं था।
वॉशिंगटन यह
देखकर उस
ठेकेदार के पास
आकर बोले, ‘इन
मजदूरों की मदद
करो। यदि एक
आदमी और
प्रयास करे
तो यह पत्थर
आसानी से उठ
जाएगा।’ ठेकेदार
वॉशिंगटन
को पहचान
नहीं पाया और
रौब से बोला, ‘मैं
दूसरों से काम
लेता हूं, मैं
मजदूरी नहीं
करता।’ यह
जवाब सुनकर
वॉशिंगटन घोड़े
से उतरे और पत्थर
उठाने में
मजदूरों की मदद
करने लगे। उनके
सहारा देते
ही पत्थर उठ
गया और
आसानी से ऊपर
चला गया। इसके
बाद वह वापस
अपने घोड़े पर
आकर बैठ गए और
बोले, ‘सलाम
ठेकेदार साहब,
भविष्य में
कभी तुम्हें एक
व्यक्ति की कमी
मालूम पड़े
तो राष्ट्रपति
भवन में आकर
जॉर्ज वॉशिंगटन
को याद कर
लेना।’ यह सुनते
ही ठेकेदार उनके
पैरों पर गिर
पड़ा और अपने
दुर्व्यवहार के
लिए
क्षमा मांगने
लगा। ठेकेदार के
माफी मांगने पर
वॉशिंगटन बोले,
‘मेहनत करने से
कोई
छोटा नहीं हो
जाता।
मजदूरों की मदद
करने से तुम
उनका सम्मान
हासिल करोगे।
याद रखो, मदद
के लिए सदैव
तैयार रहने वाले
को ह

THE WALL

– दीवार
किसी महिला पत्रकार
को यह पता चला कि एक
बहुत वृद्ध यहूदी सज्जन
लंबे समय से येरुशलम
की पश्चिमी दीवार पर
रोज़ाना
प्रार्थना करते आ रहे हैं
तो उसने उनसे मिलने
का तय किया.
वह येरुशलम
की पश्चिमी प्रार्थना
दीवार पर गयी और उसने
वृद्ध सज्जन
को प्रार्थना करते देखा.
लगभग 45 मिनट तक
प्रार्थना करने के बाद वे
अपनी छड़ी के सहारे धीरे-
धीरे चलकर वापस जाने
लगे.
महिला पत्रकार उनके
पास गयी और अभिवादन
करके बोली, “नमस्ते, मैं
CNN की पत्रकार
रेबेका स्मिथ हूँ.
आपका नाम क्या है?”
“मौरिस फ़िशिबिएन”,
वृद्ध ने कहा.
“मैंने सुना है कि आप बहुत
लंबे समय से यहाँ रोज़
प्रार्थना करते रहे हैं. आप
ऐसा कब से कर रहे हैं?”
“लगभग 60 साल से”.
“60 साल! यह तो वाकई
बहुत लम्बा अरसा है! तो,
आप यहाँ किसलिए
प्रार्थना करते हैं?”
“मैं यह
प्रार्थना करता हूँ
कि ईसाइयों, यहूदियों,
और मुसलमानों के बीच
शांति स्थापित हो. मैं
युद्ध और नफरत के खात्मे के
लिए प्रार्थना करता हूँ.
मैं यह
भी प्रार्थना करता हूँ
कि बच्चे बड़े होकर
जिम्मेदार इंसान बनें और
सब लोग प्रेम से एकजुट
रहें”.
“यह तो बहुत अच्छी बात
है… और आपको यह
प्रार्थना करने से
कैसी अनुभूति होती है?”
“मुझे यह लगता है कि मैं 60
सालों से सिर्फ एक
दीवार से ही बातें कर
रहा हूँ”

MISS YOU

Tum se bohut kuch kehna hai
MAGAR

kabhi tum nahi miltey to

kabhi alfaaz nahi miltey,

Ek nayi duniya basana chahta hu

MAGAR

kabhi neend nahi aati to kabhi

khwaab nahi miltey,

Ye duriyan to mita du main ek

pal main

MAGAR

kabhi kadam nahi chaltey to

kabhi rastey nahi milte,

mein to milne ko Betaab hu

bahut

MAGAR

Kabhi waqt nhi milta or kabhi TUM

nahi miltey ... MISS YOU

19/05/2012

GOD SAY-

The God's best cosmetics in life:
Truth 4 lips! Confidence 4 eye. Charity 4 hands!
Smile 4 face!
Love 4 heart! Make Life very
Beautiful!

18/05/2012

problem solve-

किसी व्यक्ति ने जब बुद्ध
की ख्याति सुनी तो वह
उनके दर्शन और
अपनी समस्याओं के
समाधान के लिए उनके
पास गया. जैसा हम सबके
जीवन में प्रायः होता है,
वह किसान भी अनेक
कठिनाइयों का सामना
कर रहा था. उसे
लगा कि बुद्ध उसे
कठिनाइयों से निकलने
का उपाय बता देंगे. उसने
बुद्ध से कहा:
“मैं किसान हूँ. मुझे
खेती करना अच्छा लगता है
. लेकिन
कभी वर्षा पर्याप्त
नहीं होती और मेरी फसल
बर्बाद हो जाती है.
पिछले साल हमारे पास
खाने को कुछ भी नहीं था.
और फिर
कभी ऐसा भी होता है
कि बहुत अधिक
वर्षा हो जाती है और
हमारी फसल को नुकसान
पहुँचता है.”
बुद्ध शांतिपूर्वक
उसकी बात सुनते रहे.
“मैं विवाहित हूँ”, किसान
ने कहा,
“मेरी पत्नी मेरा ध्यान
रखती है… मैं उससे प्रेम
करता हूँ. लेकिन कभी-
कभी वह मुझे बहुत परेशान
कर देती है. कभी मुझे लगने
लगता है कि मैं उससे
उकता गया हूँ”.
बुद्ध शांतिपूर्वक
उसकी बात सुनते रहे.
“मेरे बच्चे भी हैं”, किसान
बोला, “वे भले हैं… पर
कभी-कभी वे
मेरी अवज्ञा कर बैठते हैं.
और कभी तो…”
किसान ऐसी ही बातें
बुद्ध से कहता गया. वाकई
उसके जीवन में बहुत
सारी समस्याएँ थीं.
अपना मन हल्का कर लेने के
बाद वह चुप हो गया और
प्रतीक्षा करने
लगा कि बुद्ध उसे कुछ
उपाय बताएँगे.
उसकी आशा के विपरीत,
बुद्ध ने कहा, “मैं
तुम्हारी कोई
सहायता नहीं कर सकता.”
“ये आप क्या कह रहे हैं?”,
किसान ने हतप्रभ होकर
कहा.
“सभी के जीवन में
कठिनाइयाँ हैं”, बुद्ध ने
कहा, “वास्तविकता यह
है कि हम सबके जीवन में 83
कठिनाइयाँ हैं, मेरा,
तुम्हारा, और
यहाँ उपस्थित हर
व्यक्ति का जीवन
समस्याओं से ग्रस्त है. तुम
इन 83 समस्याओं का कोई
समाधान नहीं कर सकते.
यदि तुम कठोर कर्म
करो और उनमें से
किन्हीं एक का उपाय कर
भी लो तो उसके स्थान पर
एक नयी समस्या खड़ी हो
जायेगी. जीवन का कोई
भरोसा नहीं है. एक दिन
तुम्हारी प्रियजन चल
बसेंगे, तुम भी एक दिन
नहीं रहोगे. समस्याएँ
सदैव बनी रहेंगीं और कोई
भी उनका कुछ उपाय
नहीं कर सकता.”
किसान क्रुद्ध
हो गया और बोला, “सब
कहते हैं कि आप
महात्मा हो! मैं यहाँ इस
आस में आया था कि आप
मेरी कुछ सहायता करोगे!
यदि आप इतनी छोटी-
छोटी बातों का उपाय
नहीं कर सकते
तो आपकी शिक्षाएं किस
काम की!?”
बुद्ध ने कहा, “मैं
तुम्हारी 84वीं समस्या
का समाधान कर
सकता हूँ”.
“84वीं समस्या?”, किसान
ने कहा, “वह क्या है?”
बुद्ध ने कहा, “यह कि तुम
नहीं चाहते कि जीवन में
कोई समस्या हो”.

YOUR AIM-


आपका लक्ष्य क्या है?
कई दशकों तक सभी यह
मानते रहे कि कोई
भी व्यक्ति 4 मिनट में 1
मील नहीं दौड़ सकता.
लोगों ने कहा,
“ऐसा हो ही नहीं सकता
”! वैज्ञानिक और
चिकित्सकों ने मानव
शरीर की सीमाओं और
क्षमताओं का आकलन करके
यह बताया कि 4 मिनट में
1 मील दौड़ पाना संभव
नहीं था. उनके अनुसार
इसके लिए उपयुक्त
गति तक पहुँचने से पहले
ही शरीर
धराशायी हो जाता.
सभी ने यह मान लिया : 4
मिनट में 1 मील
दौड़ना असंभव है.
लेकिन सब लोगो को इस बात पर
यकीन नहीं था. 4 मिनट में
1500 मीटर (एक मील में
1600 मीटर होते हैं)
दौड़ने का रिकार्ड तोड़ने
के बाद रोजर बैनिस्टर
को यह लगने लगा कि वह
ऐसा कर सकता है. उसने
अपने मन में यह ठान
लिया कि वह 4 मिनट में 1
मील दौड़कर दिखाएगा.
उसके आत्मविश्वास ने
ही असंभव को संभव कर
दिखाया. उसने यह
रिकार्ड बनाने
की दिशा में प्रयत्न
करना शुरू कर दिया.
और 6 मई, 1954 के दिन यह
संभव हो गया:
रोजर बैनिस्टर ने यह कर
दिखाया. उसने 4 मिनट में
1 मील दौड़कर वह
रिकार्ड बना दिया जिसे
सब असंभव मानते थे. उसने
दुनिया को बता दिया कि
ऐसा भी हो सकता है.
उसने अपनी दौड़ 3 मिनट
और 59.4 सैकंड में पूरी की.
इसके 6 हफ्ते बाद ही एक
औस्ट्रेलियन जौन लैंड्री ने
यह दौड़ 3 मिनट 58 सैकंड
में पूरी की. 1957
की समाप्ति से पहले
सोलह धावक 4 मिनट से
कम में 1 मील दौड़ चुके थे.
अब तो हजारों धावक 4
मिनट में 1 मील दौड़ चुके
हैं. कुछ धावक तो हर दिन
अभ्यास दौड़ में ऐसा कर
लेते हैं. इस दौड़ का विश्व
रिकॉर्ड मोरक्कन धावक
हिचाम एल गेरोज़ के नाम
है जिसने 7 जुलाई 1999
को 1 मील की दौड़ 3
मिनट 43.13 सेकंड में
पूरी की. 1997 में
कीनिया के डेनियल कोमेन
ने 8 मिनट से कम में 2 मील
की दौड़ पूरी की.
आपके जीवन का वह कौन
सा लक्ष्य है जिसे
सभी असंभव मानते हैं?
लोग बहुत सी बातें करते
होंगे और आपको बताते
होंगे कि आप यह नहीं कर
सकते या वह नहीं कर
सकते. उनकी बातें सुनकर
शायद आप भी वही मानने
लगे होंगे. हो सकता है
आपने जीवन में कभी कोई
लक्ष्य बनाए हों जिन्हें
आपने बीच रस्ते ही छोड़
दिया या उनकी राह में
पहला कदम
भी नहीं बढ़ाया. शायद
आपने किसी ख़ास
नौकरी की चाह की थी.
आप कोई किताब
लिखना चाहते थे.
आपका लक्ष्य कोई सेल्स
टार्गेट भी हो सकता है
और किसी ख़ास हुनर में
कामयाबी पाना भी.
आपका ’4 मिनट में 1 मील’
कोई ऐसी चीज़
हो सकती है जिसे बहुत से
लोग पहले ही कर चुके हैं,
लेकिन आप अभी भी इसे
असंभव मानते हैं. आपको यह
जान लेना है कि कोई लक्ष्य
असंभव नहीं है और आप यह
कर सकते हैं. आप
भी अपना कोई ’4 मिनट में 1
मील’ पूरा कर सकते है

TOP LINE

"khwabo k Andr Zinda mat rho,
Balki Apne andar Khwabon ko zinda rkho

Mohabbat use nhi hoti Jo Khubsurat ho
Khubsurat wo hota h jise Mohobbt ho...

best msg-

Mother Teresa Ne Ek Khubsurat Baat Kahi Thi.
'Jo Log Kahte He Ki Bina Dekhe Kisi Se Pyar Nahi Ho Sakta Unhe Kabhi Bhagwan Se Bhi Pyar Nahi Ho sakta hai...

BEST STORY

एक बार एक लड़का अपने
स्कूल की फीस भरने के लिए
वह एक दरवाजे से दूसरे
दरवाजे तक कुछ सामान
बेचा करता था, एक दिन
उसका कोई सामान
नहीं बिका और उसे बड़े
जोर से भूख भी लग
रही थी. उसने तय
किया कि अब वह जिस
भी दरवाजे पर जायेगा,
उससे खाना मांग लेगा.
दरवाजा खटखटाते ही एक
लड़की ने दरवाजा खोला,
जिसे देखकर वह
घबरा गया और बजाय
खाने के उसने...
पानी का एक गिलास
माँग लिया.लड़की ने
भांप लिया था कि वह
भूखा है, इसलिए वह
........एक बड़ा गिलास दूध
का ले आई. लड़के ने धीरे-
धीरे दूध पी लिया."
कितने पैसे दूं?" लड़के ने
पूछा.
" पैसे किस बात के?"
लड़की ने जवाव में कहा."
माँ ने मुझे सिखाया है
कि जब भी किसी पर
दया करो तो उसके पैसे
नहीं लेने चाहिए."
लडका-
तो फिर मैं आपको दिल से
धन्यबाद देताहूँ.
"जैसे
ही उस लड़के ने वह घर
छोड़ा, उसे न केवल
शारीरिक तौर पर
शक्ति मिल चुकी थी ,
बल्कि उसका भगवान् और
इंसानो पर भरोसा और
भी बढ़ गया था.
अब .....कई सालों बाद वह
लड़की गंभीर रूप से
बीमार पड़ गयी. लोकल
डॉक्टर ने उसे शहर के बड़े
अस्पताल में इलाज के लिए
भेज दिया. विशेषज्ञ
डॉक्टर होवार्ड
को मरीज देखने के
लिए बुलाया गया.

वह एकदम आफिस कि सीट से
उठा और उस लड़की के कमरे
में गया. उसने उस
लड़की को देखा, एकदम से बिमारी को
पहचान लिया और कहा ईलाज महंगा पडेगा तो पता चला लडकी के साथ कोई नही फिर उसने तय कर
लिया कि वह उसकी जान
बचाने के लिए जमीन-
आसमान एक कर
देगा..उसकी मेहनत और
लगन रंग लायी और उस
लड़की कि जान बच गयी.
डॉक्टर ने अस्पताल के
ऑफिस में जा कर उस
लड़की के इलाज का बिल
लिया. उस बिल के कौने में
एक नोट लिखा और उसे उस
लड़की के पास
भिजवा दिया लड़की बिल
का लिफाफा देखकर
घबरा गयी,
उसे मालूम
था कि वह बीमारी से
तो वह बच गयी है लेकिन
बिल कि रकम जरूर
उसकी जान लेलेगी. फिर
भी उसने धीरे से बिल
खोला, रकम को देखा और
फिर अचानक उसकी नज़र
बिल के कौने में पेन से लिखे
नोट पर गयी,
जहाँ लिखा था," एक
गिलास दूध द्वारा इस
बिल का भुगतान
किया जा चुका है." नीचे
डॉक्टर होवार्ड के
हस्ताक्षर थे.ख़ुशी और
अचम्भे से उस लड़की के
आंसू टपक पड़े उसने
ऊपर कि और दोनों हाथ
उठा कर कहा,"
हे भगवान!
आपका बहुत-बहुत
धन्यवाद,
आपका प्यार
इंसानों के दिलों और
हाथों द्वारा न जाने
कहाँ- कहाँ फैल चुका है.
तू हम इंसानो से कहाँ क्या करवाता है येँ तू हि जानता है तू गजब है गजब.....

MOHABBAT

MOHABBAT Bhi Zindagi Ki Trah Hoti Hai
Jiska HAr MOD Aasan Nahi Hota.!
Par Jab Hum Zindagi Ka Sath Nhi ChoDte HAI,
Toh MOHBBAT Ka Sath Q ChoDe..??
..

17/05/2012

CAN YOU BELIVE .?

Read With HEArt...
1 bar sari feelings ne decide kiya ki wo log
chupaM- chupai khelenge..
Dard ne counting start ki aur baki feelings chhup gayi.....jhut ped ke peeche chupa aur pyar gulab ki jhadiyon ke peeche.. ...
Sab pakde gaye siwaye pyar ke.....
Yeh dekh jelesy ne dard ko bata diya ki pyar kahan chupa hai..
dard ne pyar ko khich ke nikala to kaanto ki wajah se pyar ki aankhe kharab ho gayi , aur
wo andha ho gaya .
yeh dekh bhagwan ne dard ko saja sunai ki use jindagi bhar pyar k sath rehna padega.... Tab se pyar Andha hai aur jaha bhi jata hai Dard deta hai...
Its Ture Fact

SELF MOTIVATION-

मेरे विचार मेँ एक छोटा सा विचार या किसी के द्वारा कही गयी छोटी सी बात या कोई घटना व्यक्ति के जीवन को झनझोरकर रख देती है किसी भी कार्य को करने
के लिये कहीं न कहीं से
प्रेरणा मिलनी बहुत
ही आवश्यक है और उससे
भी अधिक जरूरी है स्व-
प्रेरणा (Self
Motivation) ।
आदमी यदि स्वयं
को प्रेरित
नहीं करेगा तो अपने
कार्य को सही ढंग से
कभी भी नहीं कर पायेगा।
मैं
तो आज से इस यकिन पर कि आप अपने हर कार्य को ओर एक सकारात्मक सोच करेँगे ओर इस उम्मीद पर के प्रेरित
कर रहा हूँ कि
आपको भी स्वयं
को प्रेरणा देनी होगी।
MKT

KYA AAP KAMJOR HAI-

ईश्वर को किसी की हत्या द्वारा प्रसन्न करना मुझे उचित नही लगता !
क्या आपने
कभी किसी देवी-देवता
पर शेर,
हाथी या घोड़े जैसे
जानवर की बलि चढ़ाते
देखा है या सुना है? शायद नही ,
उन्हें केवल बकरे
की बलि दी जाती है,
क्योंकि बकरा एक कमजोर
जानवर होता है।
इसका साफ मतलब है कि
कमजोर
की रक्षा भगवान
भी नहीं करते। इसलिये
यदि आप अपने आप
का भला चाहते हैं
तो अपनी सारी कमजोरी
को निकाल कर फेंक दें।इसका अर्थ ये बिलकुल नही है कि ईश्वर मदद नही करता! वो मदद करता है पर उसकी जो स्वयं की मदद करता है! MKT

16/05/2012

KAVITA

एक भी आँसू न कर बेकार
जाने कब समंदर मांगने आ
जाए
पास प्यासे के कुँआ
आता नहीं है
ये कहावत है
अमरवाणी नहीं है
और जिसके पास देने को न
कुछ भी
एक
भी ऎसा यहाँ प्राणी नहीं
है
कर स्वयं हर गीत
का शृंगार
जाने देवता को कौन-
सा भा जाए
चोट खाकर टूटते हैं सिर्फ़
दर्पण
किन्तु
आकृतियाँ कभी टूटी नहीं हैं
आदमी से रूठ जाता है
सभी कुछ
पर समस्याएँ
कभी रूठी नहीं हैं
हर छलकते अश्रु को कर
प्यार
जाने आत्मा को कौन
सा नहला जाए
व्यर्थ है करना ख़ुशामद
रास्तों की
काम अपने पाँव ही आते
सफ़र में
वह न ईश्वर के उठाए
भी उठेगा
जो स्वयं गिर जाए
अपनी ही नज़र में
हर लहर का कर प्रणय
स्वीकार
जाने कौन तट के पास
पहुँचा जाए
»
वक्त क़ी सीधी-
सी पहचान

मैं बतलाऊँ वक्त क़ी,
सीधी-सी पहचान।
जितना मुश्क़िल आज है, कल
उतना आसान॥

good thought

Distance never breaks any relation,
Closeness never builds any relation..
If feelings are true from heart,then Friends are Friends even miles apart.

THE REAL THOUGHT

:
Ye Mohabbat, Ye wafa to un dino ki baat hai dosto...
*
*
Jab Makaan kacche Aur Log Sacche hua karte the. -

15/05/2012

motivation

प्रेरित
होने का अर्थ है कुछ करने
की पूर्ण मन से तैयारी ओर बाधाओँ से लडने कि हिम्मत!
प्रेरणा का मतलब उस
लक्ष्य के लिए कार्य करने
को तैयार
रहना जो कि अपनी
सफलता का मार्ग प्रशस्त
करता है ।
“आप किसी को प्रेरित
नहीं करते हैं।बल्कि आप केवल
उस शक्ति का एहसास कराते है ओर उसके अन्दर स्वयं में शक्ति
खोजने में सहयोग करते
हैं।”

A MOTIVATION STORY

एक
अंधी लड़की कैसे प्रेरित
हुई ?
मैं एक 12 वर्ष
की लड़की तसनीम के बारे
में बताना चाहूँगा। 6 वर्ष
पहले एक गांव छोड़ कर
शहर में आकर बस गये। तब से
वह अंध विद्यालय में
निरन्तर पढ़ने
जा रही थी। पर वह कुछ
भी नहीं सीख पाई । उसके
माता-पिता ने
सोचा कि वह दिमाग से
कमजोर है। अतः उन्होंने
शहर के कई चिकित्सकों से
परामर्श लिया, पर सब
व्यर्थ रहा। फिर उन्होंने
मुम्बई हाँस्पिटल में
भी दिखाया। कोई लाभ
नहीं हुआ।
एक दिन वह लड़की अपने
पिता के साथ मेरे घर आई।
मैने उससे पूछा कि वह
क्यों नहीं पढ़ना चाहती है? उसका उत्तर था, ‘‘पढ़ने
का कोई लाभ नहीं है।’’
मैंने उसे उसकी बुआ अजब के
जीवन के बारे में बताया।
उसके केरियर के बारे में
बताया कि कैसे अजब ने
लकवाग्रस्त होते हुए
भी अपना केरियर
बनाया। उससे
पूछा कि क्यों तुम्हारी मां
घर में ही रहती हैं और
तुम्हारी बुआ
नौकरी करती हैं। मैने
दोनों का अन्तर उसे
समझाया। जब उसे समझ में
आया कि अजब,
उसकी बुआ,अधिकारी है
अपनी पढ़ाई की वजह से
वह आज किसी पर
आश्रित नहीं है। और
चूंकि उसकी मां पढ़ी-
लिखी नहीं है,तो उसे घर में
ही रहना पड़ता है। मैने,
तसनीम
को समझाया कि उसमें और
उसकी माँ में भी अन्तर है।
मैने उससे कुछ प्रश्न
किये,‘‘तुमसे कौन
शादी करेगा ?’’ ‘‘एक दिन
जब तुम्हारे माता-
पिता नहीं होंगे, कौन
तुम्हारी देख-भाल
करेगा ?’’ ‘‘क्या तुम
अपनी बुआ की तरह
अधिकारी बनना चाहोगीँ?
’’अजब अधिकारी कैसे
बनी, यह मैने उसे
समझाया। इस पाँच
मिनिट की वार्ता से वह
सीखने-पढ़ने को तैयार
हो गई। उसके पश्चात् उसमे वो लगन पैदा हुई कि
एक माह में ही उसने वह सब
सीख लिया जो वह पिछले
पाँच वर्षों में नहीं सीख
सकी थी। मैने सिर्फ
अध्ययन
की आवश्यकता की प्रेरणा
दी। मैने उसकी
मान्यताओं ओर सोच को बदला
विश्वासों को जगाया कि वो किसी से कम नही ओर वो अधुरी भी नही है।
मैने आधारभूत
आवश्यकताओं पर
प्रहार किया और वह
प्रेरित हो गई।
आज वो सफल है!
मैँ भुल गया पर उसे वो 5 मिनिट आज भी याद है

INSAN OR BAT

"Behtreen Insaan Apni Mithi Jubaan Se Jana Jata Hai.....

Wrna Achhi Batein To Deewaro Par Bhi Likhi Hoti Hai...

14/05/2012

HARE KRISNA

आप कृष्ण से बेहतर है!
आपकी स्थिति कृष्ण से
बेहतर है!
अरे! हॅसने
की जरुरत नहीं है।
इसके लिए श्री कृष्ण के
जीवन से अपने जीवन
की परिस्थिति की
तुलना करने की जरुरत
है।
हमारे में से किसी का जन्म
जेल में नही हुआ।
जबकि योगेश्वर कृष्ण
का जन्म जेल में हुआ था।
उनके मां बाप
दोनों राजा होकर कंस के
वहाँ बन्दी थे।

आपके
मां बाप आपके जन्म के समय
बन्दी तो न थे।

किसी ने तुम्हें स्तनों पर
जहर लगाकर दूध तो न
पिलाया ?
जबकि पूतना ने कृष्ण
को मारने के लिए यह
किया था।
मां बाप के
होते हुए कृष्ण यशोदा केे
पास पले।

हमारे मे से
अधिकतर लोगों का पालन
पोषण तो हमारी मां ने
ही किया है।

बचपन में उन्हें गाय चराने
भेजा गया।
मुख्यतः हममे से
किसी को भी जानवरों को
चराने के लिए
तो नहीं भेजा गया।
कम से कम आपके
मामा आपको मारना तो
नहीं चाहते थे ?
कृष्ण
को उनकी प्रेमिका राधा
बिछुड़ने के बाद शेष जीवन
में फिर कभी ना मिली।
राजा होकर महाभारत के
युद्ध में अर्जुन का रथ
संचालन करना पड़ा। आज
की भाषा में कहे तो वाहन
चालक
की भूमिका निभानी पड़ी।
फिर
चिन्ता की क्या बात है।?
हुई न
आपकी स्थिति कृष्ण से
बेहतर ।
भगवान ने विपरीत
परिस्थितियों के होते हुए
महान् कार्य किये।
यदि अपमेँ भी आत्म छवि एवं
आत्म विश्वास है तो आप
भी अपना सोचा प्राप्त
कर सकते है। आपका आत्म
बल ही आपको सफलता व
सुख दिला सकती है।

NICE LINE

Friends meet by coincidence and spend sweet times together.. Then god separates them. Not to end the story bUt to sée how long they remember each other....

KOSHIS

कोशिश करना हमारी फितरत होनी चाहियेँ
मैं आपको बता दूँ
कि किसी भी नये
काम को करने में
अवश्य ही बहुत
सारी कठिनाइयाँ आती हैं
किन्तु यदि हम
ठान लें कि इस
काम को करके रहेंगे
तो उस कार्य
को हम अवश्य
ही कर सकते हैं।
“जब मानव जोर
लगाता है,
पत्थर पानी बन
जाता है”
तो जरूरत है
तो आत्म विश्वास
की, स्व-
प्रेरणा की।
कठिनाइयों से
डरना नहीं है
बल्कि लड़ना है।
निराशा को समाप्त
करना है। नई राहें
खोजनी है।

DIFFERENCE-

एक सफल और असफल
व्यक्ति में
क्या अन्तर है ?
एक सफल और असफल
व्यक्ति में सिर्फ
मामूली अन्तर होता है।
हम सब आदतों के
शिकार होते हैं। सफल
व्यक्ति सजगता से
अपना विश्लेषण करते हुए
नई आदतें डालता है।
जबकि असफल
व्यक्ति बेहोशी में पुराने
ढर्रे पर चलता रहता हैं।
दूसरा, सफल व्यक्ति जाने-
अनजाने
सफलता प्राप्ति के कुछ
उपाय अपनाता है।
जबकि असफल
व्यक्ति उनका उपयोग
नहीं करता है।
अन्यथा प्रत्येक
व्यक्ति में
सफलता प्राप्ति असीमित
शक्ति एवं अनन्त
क्षमता की विद्यमान
होती है।
एक असफल व्यक्ति अपने
भीतर छिपी अनन्त
क्षमताओं, असीमित
शक्तियों एवं ढेर-
सारी सफलता प्राप्ति क
अवगत नहीं होता है।
मनुष्य ऊर्जा का भण्डार
है। वह ऊर्जा के पुंज के
अतिरिक्त कुछ नहीं है।
जैसा कि आधुनिक शोध
बताते हंै कि एक औसत
व्यक्ति अपनी उपलब्ध
क्षमता का सिर्फ 5 से 8
प्रतिशत ही उपयोग
करता है। यहाँ तक
कहा जाता है कि
स्वामी विवेकानन्द एवं
आईन्सटाईन जैसे
विद्वान
भी अपनी क्षमता का 50
प्रतिशत भाग ही उपयोग
कर सके।
अतः आपमें असीमित
शक्ति एवं क्षमता उपलब्ध
है। अब
प्रश्न यह है कि आप
अपने भीतर कि
शक्ति,
क्षमता एवं
स्रोतों का
सफलता-
प्राप्ति के लिए उपयोग
किस तरह से ओर कैसे करते है?

SAYING ABOUT LOVE

In our lives there are
many things to be
grateful for, therefore
we should always start
each day with a
grateful and loving
heart, and try to
always go through each
day until the end with
the same attitude.
We all have different
things to be grateful
for, and while some of
us are blessed more
abundantly in areas
where others may lack,
we can all name at
least one thing to be
grateful for. For
example, we have all
been given this day so
that we have more
time to do what means
the most to us. Not
every one who was
blessed with life
yesterday has the
ability to say that they
were blessed with
more life today.

13/05/2012

BEST METHOD FOR OUR MIND

स्मरणशक्ति एक
ऐसा विषय है जिसके बारे
में हर कोई
जानना चाहता है। चाहे
विद्यार्थी हो या नौकरीपेशा व्यक्ति
या कोई भी व्यक्ति तो आइए हम जाने जिसका क्रम निम्न हैँ- पेज 4,पेज 3 ,पेज 2, पेज 1
पेज4* मनोरंजन हमारे जीवन
का जरूरी हिस्सा है।
परीक्षा के दिनों में
मनोरंजन का समय घटा दें,
लेकिन खुद को मनोरंजन
की दुनिया से पूरी तरह
अलग न करें। थोड़ा समय
निकालकर हल्का-
फुल्का संगीत, हल्की-
फुल्की कॉमेडी फिल्म
या धारावाहिक अवश्य
देखें।
* अगर माता-पिता ने
आपके सामने बहुत कठिन
लक्ष्य रख दिया है,
आपको लगता है कि आप उसे
हासिल नहीं कर पाएँगे,
तो उनसे स्पष्ट शब्दों में
कहें कि आप कोशिश करेंगे
लेकिन आपकी क्षमता से
यह लक्ष्य बड़ा है। अगर वे
फिर भी उसे बार-बार आप
पर थोपते हैं तो इसे
नाकका प्रश्न न बनाएँ।
धैर्यपूर्वक उतना करें,
जितना आप कर सकते हैं।
अनावश्यक तनाव न पालें।
* अगर आप तनाव में हैं
या फिर
आपको किसी तरह
की घबराहट
या बेचैनी हो रही है
तो जल्दी ही घर के
किसी सदस्य को या फिर
करीबी मित्र को बताएँ।
अगर आपको लगता है
कि आपकी बात कोई
नहीं सुनेगा तो किसी हेल्पलाइन
पर फोन करें। वे
आपका मार्गदर्शन करेंगे।
परीक्षा के दिनों में
बच्चों के लिए विशेष
हेल्पलाइन शुरू
की जाती हैं।
इनकी जानकारी सभी अखबारों में
मिल जाती है।
पेज3 *नया करने की सोच रखिए।
हमेशा नए आइडियाज
को सामने आने दें। इसके
लिए एक बच्चे की तरह
सोचना ही काफी है।
बच्चे सकारात्मक ऊर्जा,
विस्मित भाव और
उत्सुकता से सोचते हैं। अपने
आपको दिवास्वप्न देखने
दीजिए। इससे मस्तिष्क
तीक्ष्ण होगा और दिमाग
की ताकत भी बढ़ेगी। अपने
आपको केवल एक
ही व्यक्ति न बनने दें। एक
ही व्यक्ति में बहुत सारे
व्यक्तित्व पैदा कीजिए।
आप जितने अधिक से अधिक
हो सकते हैं, उतने
तरीकों से सोचिए।
कोई गलती न कर बैठें, इस
विचार पर लगाम
दीजिए। इस दुनिया में
कोई परफेक्ट नहीं होता,
कभी हो भी नहीं सकेगा।
इसलिए अपनी गलतियों से
सीखिए। नई
चीजों को आजमाने से न
डरें, क्योंकि नई चीजों के
प्रयोग से आपके दिमाग में
कई नए विचार भी आ सकते
हैं। आप अपने दिमाग
को आश्चर्यचकित होने
दीजिए।
इससे नई कलात्मक
ऊर्जा का संचार
होगा और आप जो कर रहे
होते हैं, उसमें
इसका प्रतिबिंब दिखाई
देने लगता है। अपने आपसे
बातें कीजिए। हो सकता है
कि कोई इस प्रस्ताव
को मूर्खतापूर्ण मान ले,
लेकिन इससे बहुत
चमत्कारिक परिणाम आते
हैं। यदि आप किसी चीज
को खो बैठे हों तो उसे
खोजने में यह तकनीक
कारगर साबित
हो सकती है।
तनाव आपकी याददाश्त
को कमजोर कर सकता है,
इसलिए जरूरी है कि आप
कम से कम तनावग्रस्त रहें।
इससे आपको अपना दिमाग
तेज रखने में मदद मिल
सकती है।
आप जितने नाम याद कर
सकते हैं, करें। हर नाम के
साथ उस व्यक्ति के चेहरे
को फिट करने की कोशिश
करें। इससे निश्चित
ही आपके दिमाग
की खासी अच्छी कसरत
हो सकेगी।
अवसाद अक्सर याददाश्त
को कमजोर करता है।
यदि गहरे अवसाद में
हों तो चिकित्सकीय
सहायता लेने से न डरें।
हमेशा कुछ नया करने
का अर्थ है रूटीन से हटकर
कुछ करें।
अपनी जिंदगी को रोजाना के
रूटीन से दूर कर लें।
जो भी दिमाग में
नया आता है, उसे लिखने
की आदतडालें। जब भी पढ़ने
से बोर हो जाएँ, कोई नई
किताब हाथ में ले लें।
हो सकता है कि इससे
आपका ध्यान बोरिंग
रूटीन से हटकर अलग
हो जाए।
याद रखने के लिए
टिप्स
किसी भी बात को याद
रखने के लिए दिमाग उस
बात का अर्थ, मूल्य और
औचित्य के आधार पर तय
करता है। दिमाग
की प्राथमिकता भी इसी क्रम
में काम करती है।
याद रखने की सबसे
पहली सीढ़ी है अर्थ
जानना,
अतः किसी भी बात
को याद रखने से
उसका अर्थ जरूर समझिए।
यदि अर्थ ही समझ में
नहीं आया है तो रटने
का कोई मतलब नहीं है।
इसलिए पहले जिस बात
या पाठ को याद
रखना है, पहले उसका अर्थ
समझिए, फिर
उसका महत्व और मूल्य
समझिए इसके बाद आपके
जीवन में उस बात
का क्या औचित्य है यह
जानिए।
किसी बात के
प्रति आपका क्या रवैया है,
इससे उस बात को याद
रखने का सीधा संबंध है।
यदि आप किसी बात
को याद रखते समय उसके
प्रति सकारात्मक
रवैया रखेंगे तो वह बात
या पाठ
आपको पहली बार में
ही याद हो जाएगा।
किसी भी नई बात
को समझना आपके पहले से
अर्जित ज्ञान पर निर्भर
है, क्योंकि तब आप नई
बात
को उसकी कसौटी पर
रखकर जोड़ते हुए याद रख
लेंगे। आप जितना मूलभूत
ज्ञान बढ़ाते जाएँगे,
उतना नए ज्ञान
को समझना आसान
होता जाएगा। यही बात
याद रखने पर भी लागू
होतीहै।
प्राथमिकता के आधार
पर तय करें
प्राथमिकता के आधार पर
तय करें कि पहले क्या याद
करना जरूरी है। जरूरत
पड़ने पर इसके और टुकड़े कर
लें और फिर याद करें।
दिमाग पर सबसे
गहरा और लंबे समय तक
टिके रहने वाला प्रभाव
केवल
आकृतियों का होता है।
इसलिए किसी भी पाठ
को याद करते समय
उसकीएक आकृति अपने
मस्तिष्क में गढ़ लें। दिमाग
में आकृति बन जाने से याद
रखने वाला पाठ जरूरत
पड़ने पर तत्काल रिकॉल
किया जा सकता है।
परीक्षा की तैयारी
परीक्षा का तनाव
क्या होता है ?यह सवाल
आप किसी भी छात्र से करे
,तो उसके हिसाब से
दुनिया का सबसे
बड़ा तनाव यही है पूरे
साल मेहनत की है .पर अब
nervous हो रहे है |
पता नहीं क्या होगा ?
और अगर यह बोर्ड
परीक्षा है ,तो तनाव
होना असामान्य बात
नहीं है |लेकिन कुछ
बातो का ध्यान रख कर
बच्चे तनाव से बच सकते है
और अपनी परीक्षा में
अच्छा प्रदर्शन कर सकते
है
क्या करें छात्र
*परीक्षा के लिए लक्ष्य
तय करना जरूरी है।
अपनी क्षमता देखकर
ही अपना लक्ष्य तय करें।
वरना बाद में
निराशा होगी। अगर आप
9वीं कक्षा तक 65 प्रश
अंक लेकर पास होते रहे हैं
तो अपना लक्ष्य भी 65 से
75 प्रश अंकों का ही रखें।
85 या 90 प्रश
अंकों का लक्ष्य रखने से आप
भटक जाएँगे।
* ध्यान रहे, लगातार कई
घंटों तक पढ़कर कोई
बच्चा अच्छे अंक प्राप्त
नहीं कर सकता।
किताबी कीड़ा बनने
की जरूरत नहीं। पढ़ाई के
साथ थोड़ा समय
बाकी कामों के लिए
भी निकालें।
* सुबह की सैर के साथ-
साथ थोड़ा-बहुत
व्यायाम व खेलकूद
भी जरूरी है। इससे शरीर
को नई चुस्ती-
फुर्ती मिलती है,
जो कि शारीरिक व
मानसिक विकास के लिए
बहुत जरूरी है।
पेज 2*यदि आपने उपरोक्त नियम
का ध्यान रखा तो आप यह
कहना भूल जाएँगे
कि मेरी याददाश्त
शक्ति कमजोर है।
कैसे रखें याद
परीक्षा के दिनों में
परीक्षा के दिनों में पाठ
याद
रखना किसी थका देने
वाली कसरत से कम
नहीं होता। कई बार याद
किया हुआ पाठ
परीक्षा हाल में घुसते
ही दिमाग
की अंधेरी गुफाओं में जाकर
छिप जाता है। पूरे तीन
घंटे बीत जाते हैं, लेकिन
हर कोशिश नाकाम
रहती है। जैसे ही आप
परीक्षा हाल से बाहर
आते हैं, सभी प्रश्नों के
उत्तर एक-एक करके सामने
आने लगते हैं।
ऐसे में
किसी दिमागी खलल
को दोष देना गलत है।
याद रखने के लिए
सदियों से विद्वान कुछ न
कुछ नया तजवीज करते आए
हैं। इन
नुस्खों को भी आजमाएँ,
हो सकता है कि इस बार
की परीक्षा में आप
भी बाजी मार ले जाएँ।
इस दुनिया में कोई
परफेक्ट नहीं होता,
कभी हो भी नहीं सकेगा।
इसलिए अपनी गलतियों से
सीखिए। नई
चीजों को आजमाने से न
डरें, क्योंकि नई चीजों के
प्रयोग से आपके दिमाग में
कई नए विचार भी आ सकते
हैं। आप अपने दिमाग
को आश्चर्यचकित होने
दीजिए।
आपके शरीर की तरह आपके
दिमाग को भी बेहतर
काम करने के लिए
व्यवस्थित
रहना जरूरी है। इसके लिए
कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं।
इनसे न सिर्फ
आपका दिमाग तेज गति से
काम करने लगेगा,
बल्कि परीक्षा के लिए
किसी भी पाठ को याद
रखना आसान हो जाएगा।
बढ़ाएँ दिमाग
की ताकत
आप दिमागी कसरत करने
के लिए अपने आपको तैयार
करें। दिमागी कसरत
शारीरिक कसरत से
भिन्ना होती है। हमारे
देश में शतरंज की ईजाद हुई
तो इसीलिए कि यह
दिमाग की सबसे कठिन
और जोरदार कसरत है।
खैर शतरंज
तो सभी नहीं खेलते हैं,
लेकिन क्रासबर्ड पजल्स
या कम्प्यूटर पर दिए गए
गेम सालिटायर
को तो लगभग सभी पसंद
करते हैं। आप इनसे शुरुआत
कर सकते हैं। आप यदि यह
भी नहीं करना चाहते हैं
तो आसान तरीका है
साधारण स्तर के
गुणा भाग अथवा जोड़
घटाव करना।
हफ्ते में एक बार कोई
कविता या जोक याद
करने की कोशिश करें। इससे
आपका दिमाग शेप में
रहेगा और इसकी ताकत
भी बढ़ेगी। हमेशा कुछ
नया करने की सोच रखिए।
1.स्मरणशक्ति एक
ऐसा विषय है जिसके बारे
में हर कोई
जानना चाहता है। चाहे
विद्यार्थी हो या नौकरीपेशा व्यक्ति
,
गृहिणी हो या वृद्ध। आज
की आपाधापी के समय में
हर कोई यही कहता नजर
आता है
कि मेरी याददाश्त
कमजोर है या जो पढ़ता हूँ
याद नहीं रहता।
आजकल स्मरणशक्ति बढ़ाने
के लिए बाजार में तरह-
तरह के प्रोडक्ट्स आते हैं।
वास्तव में
किसी की भी स्मरणशक्ति कमजोर
नहीं होती, न ही इस पर
उम्र का कोई फर्क
पड़ता है। इस लेख में कुछ
आसान से नियम बताए
जा रहे हैं यदि उन पर
अमल कर लिया जाए
तो निश्चित
ही आपकी स्मरणशक्ति बगैर
दवा सेवन के बढ़ जाएगी व
आप यह भूल ही जाएँगे
कि मेरी स्मरणशक्ति कभी कमजोर
थी।
सबसे पहले हम ध्यान रखें
कि हमारे विचारों में
नकारात्मक सोच
नहीं आना चाहिए,
बल्कि सोच सदैव
सकारात्मक
होना चाहिए। हम
उपन्यास, कोई
भी कहानी या फिल्म
या नाटक आदि देखते है
तो हमें घटनाक्रम से लेकर
पात्रों के नाम,
कहानी आदि भी याद
रहते हैं। कभी-कभी गाने
भी याद रह जाते हैं।
आखिर
ऐसा क्यों होता है?
वास्तव में हम जब फिल्में
देख रहे होते हैं
या उपन्यास आदि पढ़ रहे
होते हैं या कोई नाटक देख
रहे होते हैं तब हम उसे
याद नहीं करते बस
हमारी आँखों के सामने से व
हमारी स्मृति पटल से
गुजारते जाते हैं।
क्योंकि हम उसे याद
नहीं करते और दिमाग पर
जोर नहीं डालते और बस
पढ़ते जाते हैं या सिर्फ
देखते जाते हैं और वह हमें
याद हो जाता है।
जब हम कोई
घटना या किसी का नाम
याद रखने की कोशिश
करते हैं तो हमारे
मस्तिष्क पर दबाव
पड़ता है और जब मस्तिष्क
पर दबाव पड़ता है तो वह
घटना या किसी का नाम
नाम याद नहीं आता! जैसे
ही हम उसे याद करना बंद
कर देते है व दूसरे काम में
लग जाते हैं तो वह
घटना हमें शीघ्र याद आ
जाती है क्योंकि उस वक्त
हम उसे याद नहीं करते।
जबकि हमें किसी कोर्स
की किताबो को पढ़ते हैं
तो या तो हम रटते हैं
या याद करने की कोशिश
करते हैं जबकि हमें पढ़ते
वक्त याद
नहीं करना चाहिए। बस
पढ़ते रहना चाहिए। याद
करने की कोशिश ही हमें
याद नहीं होने देती। जब
भी हम पढ़ने बैठते हैं
तो एक या दो पैरा पढ़कर
किताब बंद कर दें,
थोड़ी देर विश्राम करें
फिर जो पढ़ा है उसे एक
कॉपी पर लिखें व मिलाएँ
कि हमने जो पढ़ा व
लिखा है उसमें कितना मेल
है। आप चकित रह जाएँगे
कि लगभग
जो पढ़ा था वही लिखा है।
धीरे-धीरे
यही क्रिया दोहराते
रहें। इस प्रकार हम
जो पढ़ेंगे उसे आसानी से
लिख कर अपने स्मृति पटल
पर अच्छी तरह बैठा लेंगे।
पढ़ाई किसी भी वक्त करें,
याद न करें बस पढ़ते जाएँ।
फिर थोड़ी देर लेट जाएँ व
एक कॉपी में
जो पढ़ा लिखते जाएँ यह
क्रिया आपको तथ्यों याद
रखने में सहायक होगी।
दूसरी क्रिया यह है
कि हम रात को सोते वक्त
ध्यान करें कि सुबह उठने से
लेकर सोते वक्त तक क्या-
क्या किया। किस-किस से
मिले। क्रमवार ध्यान
करते जाएँ। लगभग एक माह
में आपको सारा घटनाक्रम
हूबहू याद हो जाएगा।
तीसरी क्रिया आत्म
सम्मोहन की है।
सर्वप्रथम हम हाथ-पैर
धोकर रात्रि में एक
खुशबूदार
अगरबत्ती लगाकर
बिस्तर पर लेट जाएँ व
तीन बार गहरी-
गहरी साँसे लें व धीरे-धीरे
छोड़ें फिर अपने
दोनों पैरों को ढीला छोड़
दें फिर दोनों हाथ, सिर
व पूरे शरीर
को ढीला छोड़ दें। फिर
कहें मेरी आँखों मेंएक
सम्मोहक नींद
समाती जा रही है।
ऐसा कम से कम दस बार
करें। फिर अपने
आपको निर्देश दें कि आज
जो भी पढ़ा या लिखा मुझे
हमेशा जीवन भर ध्यान में
रहेगा और जब भी मैं उसे
लिखना चाहूँगा, लिख
दूँगा या बताना चाहूँगा बता दूँगा।
अब से मेरी याद्दाश्त
पहले से अधिक बढ़ गई है।
ऐसा क्रम एक माह तक करें
फिर देखें कि आपकी से
स्मरणशक्ति चमत्कारिक
रूप से बढ़ गई है। अगले पेज पर-

12/05/2012

JAY MATA DI

good msg

:
Insan Ki Sabse KamZ0r CheeZ.
/
*
\
"DIL"
/
*
\
Or
Insan Ki Sabse MaZbut CheeZ.
/
*
\
Tuta hua"DIL"
/
*
\
Ajib Hai Lekin Sach Hai

*
Quotations by
Shiv Khera
“Winners don’t do
different things, they
do things differently”

TRUE LOVE

SACHA_PYAR
Rone Se Agar
Sanwar Jaate
Halaat Kisi Ke...
_
_
To. . .

Ae dosto,
_
_
>Mujse Jyada khushnaseeb
Koi Aur Na Hota.
*
*
>SO Be_Happy

11/05/2012

jindgi ki udan

Zindagi ki asli udaan abhi
baaki hai,
Zindagi ke kai imtihann abhi
baaki hai.
Abhi to napi hai muthi bhar
zameen aapne,
Aage abhi saara aasman
baaki hai.

LOVE

If YOu touch AnD feel its desire.
If YOu touch AND don¢â‚¬â¢t feel
its ignorance,
But YOu don¢â‚¬â¢t touch AnD still
feels its love
Mohabat khawab hoti hai,
Mohabat baat hoti hai,
Ager koi pooch bethey to
mohabat raaz hoti hai,
Machalti hui umangon ka
sohana saath hoti hai,
Ager koi dhondna chahe to
mohabat nayab hoti hai,
Mohabat yu bhi hoti hai
kurbani hoti hai sayad ,
Mohabat phool hai shayad!
Ghamon ki dhool hai shayad!
Kisi ka saath hai shayad!
Chamakti raat hai shayad!
Mohabat khusi bhi hai.,
Mager!
Betaab hoti hai

good thought

Our Behaviour is greater than our Knowledge
B'coz there are many situations where our knowledge may fail But
Our Behavior can handle that very well...!!!:-

10/05/2012

BEST LINE -

Distance never breaks any relation,
Closeness never builds any relation..
If feelings are true from heart,
then Friends are Friends even miles apart.

YAADE

Acchi yaadein aapki aankhon me tabhi nami laati hai....

jab apko ye ehsaas ho ki aap un yaadon ko doobara nahi jee sakte....
so true..
feel it..
"I can
accept
failure.
Everyone
fails at
something. But I can’t
accept not trying."
~ Michael Jordan


- "Be
thankful
for what
you have;
you’ll end
up having more. If you
concentrate on what
you don’t have, you
will never, ever have
enough"
~ Marilyn vos

Quotes by Bill
Gates -
"If you
are born
poor, it’s
not your
mistake.
But if you die poor, it’s
definitely your
mistake."
~

-
"You
know it’s
love when
all you
want is
that person to be
happy, even if you’re
not part of their
happiness"
जो टुट गया बिखर गया ,
वो हार गया
ओर
जो टुट के भी न बिखरा ,
वो हार नही सकता ...MKT

FUN-

2012:
Difficult OR Boring Papers Se Students Tang
Aa Gaye Hai.?
:
Aakhir Kab Tak Hoga
Ye Zulm.?
:
Ab Hume Aise
Papers Chahiye..
:HOw?
Total Marks 50
Choose The Best..
:
Q's NO-,
1.Tere Mast Mast_____Nain.
(3,5,2)
:
2.______Badnaam Hui Darling Tere Liye.
(Munni,Sheila,Razia)
:
3.Maa Ka Laadla ______Gaya.
(Sudhar,Bigad,Ujad)
:
4.Rehna Hai Tere______Me.
(Ghar,Dil,Bil)
:
5.Tum______Aaye.
(Pass,Ghar,Yaad)

New Pattren SEE To All Students & teacher....

BEST LINE

09/05/2012

जब कोई HURT होता है,
तो वो हि बता सकता है कि क्या खो दिया है, जिसको पा लेना चाहिये था, पर कभी कभी LUCK साथ नही देता! परन्तु
मैँ कहता हूँ कि जो खो दिया वो तो वापस नही आ सकता!
पर यदि हिम्मत ही खो दी तब सब कुछ खो दिया,
इसलिए हिम्मत ना हारे, फिर आपको वो मिल जाये जो पहले से भी ज्यादा हो MKT

PREM-

प्रेम
आदमी सज़ा नहीं है.
बल्कि यह उसका इनाम है
और उसकी ताकत और
उसकी खुशी भी है, प्यार ओर दोस्ती एहसास के सबसे बडे जज्बो मे आते है!

08/05/2012

MOTHER IS GOD

MOTHER IS GOD

best of the best

"Some Reasons make Relatnshp Precious,
But
Only Precious Relatnships
are made with No Reasons".
Keep those relations alive for life time..!
डर कभी नही हो पर
अविश्वास होता है एक ज्ञात
भगवान के लिए एक
अज्ञात भविष्य पर
भरोसा करने के लिए,
परन्तु भगवान पर विश्वास करके भविष्य से आसँ रखी जा सकती हैँ
MKT

जय जय माँ, आर्शिवाद दे माँ

I LOVE 'MAA'

SAPNE-

हमारे सारे सपने सच
हो सकते है, अगर हम उन्हें
आगे बढ़ाने का प्रयास ओर साहस
कर सकते हैं तो.....

07/05/2012

BEST THOUGHT

Dont get attached to someone so much,
it hurts later.
Bcoz life starts wen u fall in Love
but
Doesnt end wen Love ends.
Dificult but True...!!!

EK BHAROSA

खुद पर भरोसा, आप
अधिक से अधिक करे
आपको लगता है
कि आप करना जानते
हैं.तो आप सब कुछ कर सकते हो

MKT
अपने आप पर
विश्वास है. यही स्वयं
की शक्ति है कि आप
सब अपने जीवन के मैदान मेँ खेल रहे है
आपके व्यक्तिगत
विशिष्टता पर
भरोसा करके आप
अपने आप को इस खेल को जीतने कि

चुनौती दे सकते है.

MKT
हम
हमारी अपनी सोच
पर विश्वास
करना चाहिए.
ट्रस्ट जहां हम
जा रहे हैं.उसे पाने के
लिए और क्या काम किया जा सकता है ये सोचे....MKT
MUKESH TARTA

06/05/2012

कभी किसी को जो चाहता है कि
तुम्हारे पास क्या हैंतो एक बात अवश्य कहो कि मेरे पास अपना
विश्वास हैओर ईश्वर पर भरोसा है
ओर कुछ नहीं,
.MKT


प्रभु में ओर अपने आप पर
भरोसा रखो और आगे
बढ़ो. चिंता आपको पिछे धकेलेगी इसकी कोई
जगह
नहीं हो ये ध्यान रखो

कोई है
जो दुनिया हमेशा उसका
साथ दे रही है
सोचता हूँ
कि सही है. वह
कही न कही या कुछ में
है कि विश्वास
की अद्भुत शक्ति लग रही है मुझे आज
याद आ रही है.

जितना अधिक आप
अपने अंतर्ज्ञान पर
भरोसा है,तो आप और अधिक
सशक्त त हो, मजबूत
हो तुम, और खुश हो.

EK SACCHA PYAR-

REAL STORY:
EK DIN 13 saal k ladke ko 10 saal ki khubsurat ladki ki photo raste me mili

or us ladke ko ladki se pyar ho gaya
uska us ladki k liye pyar dhire-2 bdhne lga wo us ladki se bhut pyar krne lga
Par wo ladka us ladki ko kbhi na pa saka Kuch salo bad
Uski wife ne wo photo dekha or pucha "tumhe ye photo kaha se mila?
ladke ne pucha"Q?"
Ladki ne kha:"mera photo kho gya tha jab me 10 saal ki thi"
SACHA PYAR KABHI BHI ASAFAL NHI HOTA ....

05/05/2012

jaan

Mat dekh ke koi shaks gunah gaar kitna hai
ye dekh ke tere saath wafadar kitna hai
ye mat soch ke use kuch logo se nafrat bhi hai
ye dekh ke usko tujhse pyar kitna hai
mat dekh ke wo tanha kyu baitha hai itna
dekh use tera intezar kitna hai
beshak tere ashiq ka tujh bin kuch nahi
dekh zara wo tera talabgar kitna hai
Ye mat pooch usko tujhse use pyar kitna hai
usko bata wo tera hakdar kitna hai...

04/05/2012

best line

"koi ruthe agr tumse to use foran mna lo..

kyuki...



zid ki jung me aksr



judai jeet jaati hai"

03/05/2012

ANUBHAV-

जब आपने वास्तव में एक
अनुभव को समाप्त
किया है तुम
हमेशा श्रद्धा और
इसे प्यार करोगे .

आप अनुभव
नहीं बना सकते हैं.बल्कि बता सकते है
आपको इसेसे
गुजरना ही होगा.

01/05/2012

'MAA'

KHUSI-

किसी के लिये बस
क्या किया जाना चाहिए.
यह
खुशी नहीं हो सकता है,
लेकिन यह
महानता की श्रेणी का एक कार्य अवश्य
हो सकता है.

खुशी एक
अनन्त जीवन के
सभी लोगों की सबसे
बड़ी इच्छा है.

जो लोग एक दूसरे से
प्यार करते है वेँ अपनी खुशी से ज्यादा दूसरे कि खुशी को अहमियत देते है ये लोग आम
जीवन में खुशी के
आदर्श है.
MKT