29/03/2012

AAP KA JIVAN-

यह जीवन जीने के लायक
है, हम कहते हैं, क्योंकि यह हमेँ परखता है कि हम कितना संघर्ष कर सकते हैँ ओर कितना इसे जीते है क्योँकि जीवन तो जानवरो का भी होता हैँ
अब हम किस तरह से क्या कर करते हैं इसे गवाये या सवारे येँ फर्क है

No comments:

Post a Comment