30/06/2012

NAZAR AUR NASEEB-

Nazar aur Naseeb ke milne ka ittifaq kuchh aisa hai..
.
.
Ki Nazar ko pasand hmesha wahi chiz aati hai.
.
.
.
.
Jo Naseeb me nahi hoti..

या खुदा ऐसा क्यूँ ?

GREAT THOUGHT-

Don't work too hard to give yourself the best of everything, instead make a greater effort to give God the best of yourself.

BAHUT YAD-

Zindgi me sabse aasan hai-
''kisi ko bhul kar kbhi-kbhi use yad krna.

''lekin sbse muskil hai ''
kisi ki pal-pal aane wali yad ko har pal bhulne ki kosish karna.
~MISS YOU

MOHABBAT

*"MOHABBAT"*
Kitna
Pyara Shabd Hai,


>Muh Se Pura
Lafz NiKalne
Se Pehle hi,

_Honth Ek Dusre
Ko 2 Dafa
Choom Lete hain,
_
>Try It

"MOHABBAT"

26/06/2012

VERY NICE THOUGHT

:-)....

"Apni JUbaan Se Itne Hi Meethe Shabd Bolo,
Ki Agar Kabhi Vaapas Lene Pade To Khud Ko Kadwe Na Lage"..

A NICE THINK

IN THE MIDDLE OF DIFFICULTY LIES OPPORTUNITY...

Best of the Best

अपना एक
शोधपत्र लिखने के
बाद आइंस्टीन और
उनके एक
सहयोगी ने
कागज़ों को नत्थी
करने के लिए पेपर
क्लिप
को ढूंढना शुरू
किया। अंततः उन्हें
एक टेढ़ी-मेढ़ी पेपर
क्लिप
मिली जो प्रयोग
में लाने योग्य
बिलकुल नहीं थी।
फिर उन लोगों ने
उस क्लिप
को सीधा करने
का निर्णय
लिया तथा उसके
लिए उपकरण
की तलाश शुरू की।
अल्मारी की कई
दराजों में तलाश
करने के बाद
अंततः उन्हें
अच्छी क्लिपों का
एक डिब्बा मिला।
जिसमें से एक क्लिप
को निकालकर
आइंस्टीन ने
उपकरण
बनाना शुरू कर
दिया। उनके
सहयोगी ने
हतप्रभ होते हुए
पूछा कि जब
इतनी सारी अच्छी
क्लिप मौजूद हैं
तो आप उस टेढ़ी-
मेढ़ी क्लिप
को ही सीधा करने
पर क्यों उतारू हैं?
आइंस्टीन ने उत्तर
दिया -
"यदि एकबार मैं
किसी काम
को करने
का निर्णय ले
लेता हूँ, तो चाहे
कितनी भी
परेशानियां आयें मैं
उस काम
को पूरा करके
ही दम लेता हूँ।"

इस कथा से
हमे उनके व्यक्तित्व के
बारे में
पूरी जानकारी
मिलती है।तो इसलिये हर व्यक्ति को जुझारु होता चाहिये इसी मे उसकी जीत है
--

"
--
--

पवित्रता-
पूरे देश में दूर
पर्वत पर
बनी कुटिया में
रहने वाले एक
पवित्र संत
की ख्याति फैल
गयी थी। वहां से
काफी दूर स्थित
एक गांव में रहने
वाले व्यक्ति ने
कठिन यात्रा कर
उस संत के पास
जाने का निर्णय
लिया।
कई
दिनों की कठिन
यात्रा के उपरांत
जब वह व्यक्ति इस
संत की कुटिया तक
पहुंचा तो उसने
दरवाज़े पर एक
नौकर को खड़ा हुआ
पाया। उसने नौकर
से कुटिया के भीतर
जाकर पवित्र संत
को दर्शन करने
की अभिलाषा
प्रकट की। नौकर
मुस्कराया और उस
व्यक्ति को लेकर
कुटिया के अंदर
गया। जैसे ही उस
व्यक्ति ने
कुटिया में प्रवेश
किया उसकी नज़रें
पवित्र संत
को तलाशने
लगीं जिनके दर्शन
के लिए वह
इतनी दूर चलकर
आया था। पर
वहाँ कोई
नहीं था।
इसके पहले कि वह
कुछ समझ पाता वह
नौकर उसे बाहर ले
आया। वह
व्यक्ति मुड़ा और
नौकर से बोला -
"परंतु मैं पवित्र
संत के दर्शन
करना चाहता हूँ।"
नौकर ने उत्तर
दिया - "दर्शन
तो तुम पहले
ही कर चुके हो।
अपने जीवन में तुम
जिस
किसी भी व्यक्ति
से मिलो, उसे
बुद्धिमान पवित्र
व्यक्ति ही समझो
चाहे वह
कितना भी
साधारण
दिखायी दे
रहा हो। यदि तुम
ऐसा करोगे
तो तुम्हारी वे
सभी समस्यायें
जिन्हें लेकर तुम
यहाँ आए
हो अपनेआप दूर
हो जाएगीं।"

NICE LINE

line from HITLER:
War is better than love...
Bcoz
at the end of war you either live or die..
but
at end of love,
you neither live nor die...

21/06/2012

MEHNAT

परिश्रम वह कुंजी है जो सफलता के द्वार खोलती हैँ बिना परिश्रम के तो केवल एक हि दरवाजा खुलता है बस केवल दुर्भाग्य का

20/06/2012

BE POSITIVE

A negative thinker see a difficulty in every opportunity,A positive thinker see an opportunity in every difficulty,wish u an optimistic life.

12/06/2012

GREAT RTORY

एक बड़ी सुन्दर लाइन है
जो सच्चे स्नेह और प्यार
की ताकत को बयान
करती है। वो पंक्ति कुछ
इस तरह है कि -जाकर
जापर सत्य सनहू,
सो ताहि मिलहिं न कछु
संदेहू , यानी जिस
भी किसी का किसी के
प्रति सच्चा प्यार
होगा, तो उसका उससे
मिलन होकर रहेगा।
कई प्रेम
कहानियां अधूरी रह
जाती हैं, लेकिन
इसका अर्थ नहीं कि वे
समाप्त ही हो गईं हैं।
अगर आपका प्यार
सच्चा है तो एक न एक
दिन आपको जरूर
मिलता है। पुराणों में
ऐसी ही एक प्रेम
कहानी है राजा नल और
दयमंती की। तो आइये चलते
हैं उस अमर प्रेम
कथा की ओर.........
एक बार राजा नल अपने
भाई से जुए में अपना सब
कुछ हार गए। उनके भाई ने
उन्हें राज्य से बाहर कर
दिया। नल और
दयंमती जगह जगह भटकते
फिरे। एक रात राजा नल
चुपचाप कहीं चले गए। साथ
उन्होने दयमंती के लिए
एक संदेश छोड़ा जिसमें
लिखा था कि तुम अपने
पिता के पास
चली जाना मेरा लौटना न
िश्चित नहीं हैं।
दयमंती इस घटना से बहुत
दुखी हुई उसने राजा नल
को ढ़ूढऩे का बड़ा प्रयत्न
किया लेकिन राजा नल
उसे कहीं नहीं मिले।
दुखी मन से दयंमती अपने
पिता के घर चली गई।
लेकिन दयमंती का प्रेम
नल के लिए कम नहीं हुआ।
और वह नल के लौटने
का इंतजार करने लगी।
राजा नल अपना भेष
बदलकर इधर उधर काम
कर अपना गुजारा करने
लगे। बहुत दिनों बाद
दयमंती को उसकी दासियो ने बताया कि राज्य में
एक आदमी है जो पासे के
खेल का महारथी है।
दयमंती समझ गई कि वह
व्यक्ति कोई और
नहीं राजा नल ही है। वह
तुरंत उस जगह गई जहां नल
रुके हुए थे लेकिन नल ने
दयमंती को पहचानने से
मना कर दिया लेकिन
दयमंती ने अपने सच्चे प्रेम
के बल पर राजा नल से
उगलवा ही लिया कि वही
राजा नल है। फिर
दोनों ने मिलकर
अपना राज पाट वापस
हासिल कर लिया।
कथा कहती है
कि आपका समय
कैसा भी हो अगर
आपका प्यार सच्चा है
तो आपके साथी को प्यार आपके पास किसी न किसी रुप मे ले आता है

11/06/2012

LOVE-

Heart touching lines.

Mkt : kya aaj bhi tum mujse Pyar karti ho. .?
GiRL : Pyar ka to pata nahi bUt aaj bhi mere dost mujhe aapki Kasam dete hai..
THATS LOVE

09/06/2012

TEEN BATE

तीन बातें कभी न भूलें
- प्रतिज्ञा करके,
क़र्ज़ लेकर और
विश्वास देकर। -
महावीर
तीन बातें करो -
उत्तम के साथ संगीत,
विद्वान् के साथ
वार्तालाप और
सहृदय के साथ
मैत्री। - विनोबा
तीन अनमोल वचन -
धन गया तो कुछ
नहीं गया, स्वास्थ्य
गया तो कुछ गया और
चरित्र गया तो सब
गया। -
अंग्रेजी कहावत
तीन से घृणा न करो -
रोगी से, दुखी से और
निम्न जाती से। -
मुहम्मद साहब
तीन के आंसू पवित्र
होते हैं - प्रेम के,
करुना के और
सहानुभूति के। - बुद्ध
तीन बातें
सुखी जीवन के लिए-
अतीत की चिंता मत
करो, भविष्य
का विश्वास न
करो और वर्तमान
को व्यर्थ मत जाने
दो।
तीन चीजें
किसी का इन्तजार
नहीं करती - समय,
मौत, ग्राहक।
तीन चीजें जीवन में
एक बार मिलती है -
मां, बांप, और
जवानी।
तीन चीजें पर्दे
योग्य है - धन,
स्त्री और भोजन।
तीन चीजों से
सदा सावधान
रहिए - बुरी संगत,
परस्त्री और
निन्दा।
तीन चीजों में मन
लगाने से
उन्नति होती है -
ईश्वर, परिश्रम और
विद्या।
तीन चीजों को कभी
छोटी ना समझे -
बीमारी, कर्जा,
शत्रु।
तीनों चीजों को
हमेशा वश में रखो -
मन, काम और लोभ।
तीन चीजें निकलने
पर वापिस
नहीं आती - तीर
कमान से, बात जुबान
से और प्राण शरीर
से।
तीन चीजें कमज़ोर
बना देती है -
बदचलनी, क्रोध और
लालच।
तीन चीज़े असल
उद्धेश्य से रोकता हैं
- बदचलनी, क्रोध
और लालच।
तीन चीज़ें कोई
चुरा नहीं सकता -
अकल, चरित्र, हुनर।
तीन व्यक्ति वक़्त
पर पहचाने जाते हैं -
स्त्री, भाई, दोस्त।
तीनों व्यक्ति का
सम्मान करो -
माता, पिता और
गुरु।
तीनों व्यक्ति पर
सदा दया करो -
बालक, भूखे और
पागल।
तीन चीज़े
कभी नहीं भूलनी
चाहिए - कर्ज़, मर्ज़
और फर्ज़।
तीन बातें कभी मत
भूलें - उपकार, उपदेश
और उदारता।
तीन चीज़े याद
रखना ज़रुरी हैं -
सच्चाई, कर्तव्य और
मृत्यु।
तीन बातें चरित्र
को गिरा देती हैं -
चोरी, निंदा और
झूठ।
तीन चीज़ें
हमेशा दिल में
रखनी चाहिए -
नम्रता, दया और
माफ़ी।
तीन चीज़ों पर
कब्ज़ा करो - ज़बान,
आदत और गुस्सा।
तीन चीज़ों से दूर
भागो - आलस्य,
खुशामद और बकवास।
तीन चीज़ों के लिए
मर मिटो - धेर्य, देश
और मित्र।
तीन चीज़ें इंसान
की अपनी होती हैं -
रूप, भाग्य और
स्वभाव।
तीन चीजों पर
अभिमान मत करो –
ताकत, सुन्दरता,
यौवन।
तीन चीजें अगर
चली गयी तो कभी व
ापस नही आती -
समय, शब्द और
अवसर।
तीन चीजें इन्सान
कभी नही खो सकता
- शान्ति, आशा और
ईमानदारी।
तीन चीजें जो सबसे
अमूल्य है - प्यार,
आत्मविश्वास और
सच्चा मित्र।
तीन चीजे
जो कभी निश्चित
नही होती - सपनें,
सफलता और भाग्य।
तीन चीजें, जो जीवन
को संवारती है -
कड़ी मेहनत,
निष्ठा और त्याग।
तीन चीजें
किसी भी इन्सान
को बरबाद कर
सकती है - शराब,
घमन्ड और क्रोध।
तीन चीजों से बचने
की कोशिश
करनी चाहिये –
बुरी संगत, स्वार्थ
और निन्दा।
कोई भी कार्य करने
से पहले – सोचो,
समझो, फिर करो।

08/06/2012

GAJAB KI BAT

जब लोग किसी को पसंद
करते हैं,
तो उसकी बुराईयाँ भूल
जाते हैं;
और जब किसी से नफरत
करते हैं,
तो उसकी अच्छाईयां भूल
जाते हैं!
जब छोटे थे तब बड़े होने
की बड़ी चाहत थी!
पर अब पता चला कि:
अधूरे एहसास और टूटे
सपनों से;
अधूरे होमवर्क और टूटे
खिलौने अच्छे थे!
जिन्दगी में
कभी समझौता करना पड़े
तो कभी हिचकिचाहट मत
रखो;
झुकता वही है जिसमें जान
होती है, अकड़
ही तो मुर्दे की पहचान
होती है!
अगर किसी को कुछ देना है
तो उसे अच्छा वक्त दो!
क्योंकि आप हर चीज़
वापिस ले सकते हो;
मगर किसी को दिया हुआ
अच्छा वक्त वापिस
नही ले सकते!
वक़्त अच्छा ज़रूर आता है;
मगर वक़्त पर ही आता है!
मन हमेशा पतन पाप
की और जाता है, जल
हमेशा ढाल की ओर
बहता है!
जल ओर मन का स्वभाव एक
ही, जल यंत्र से ऊपर
उठता है और मन मन्त्र से
ऊपर उठता है!
दुनियां में सबसे तेज
रफ़्तार प्रार्थना की है,
क्योंकि दिल से जुबान तक
पहुँचने से पहले ये भगवान
तक पहुँच जाती है!
कागज अपनी किस्मत से
उड़ता है;
लेकिन पतंग
अपनी काबिलियत से!
इसलिए किस्मत साथ दे
या न दे;
काबिलियत जरुर साथ
देती है!
इंसान मकान बदलता है,
वस्त्र बदलता है, सम्बन्ध
बदलता है, फिर
भी दु:खी रहता है
क्योंकि, वह
अपना स्वभाव
नही बदलता!
दो अक्षर का होता है
लक, ढाई अक्षर
का होता है भाग्य, तीन
अक्षर का होता है नसीब,
साढ़े तीन अक्षर
का होता है किस्मत, पर
ये चारों के चारों चार
अक्षर के मेहनत से छोटे
होते हैं!

07/06/2012

KAVITA-

फुल बिछे हो या काँटे ,
राह न अपनी छोडो तुम!
टूट पडे दुख का पहाड ,
फिर भी राह से मुँह न मोडो तुम!
साथ रहे या ना रहे अपना कोई,
हिम्मत मगर ना छोडो तुम!
कभी किसी से कुछ ना मांगो ,
काबिल बनो ..यूँ ना हाथ जोडो तुम! हिम्मत बाँधे काम करो,
पहुँचोगे एक दिन मंजिल पे तुम!
जब तक हे दम आगे बढो ,
हारने से पहले हार ना मानो तुम- हार ना मानो तुम....

06/06/2012

VICHAR

जितने दिन जिन्दा हो,
उसे गनीमत समझो और
इससे पहले की लोग तुम्हे
मुर्दा कहें नेकी कर जाओ
पुण्य कमा लो

good line

..

Teri Qismat Ka Likha
Tujhse Koi Le Nahi Sakta,

Agar,
Uski Rehmat Ho To
Tujhe Wo Bhi Mil Jayega
Jo Tera Ho Nahi Sakta.!!

BEST THINK

कहावत
इस दुनियाँ मेँ चार तरह के लोग होते हैं
मख्खिचूस - जो ना खुद
खाएं ओर ना दूसरों को खाने दें
कंजूस - जो खुद तो खाएं पर
दूसरों को ना दें
उदार - जो खुद भी खाएं
और दूसरों को भी दें
दाता - जो खुद ना खाएं
पर दूसरों को जरुर दें
सब लोग
दाता नहीं होते हैँ ,तो कम से कम
उदार तो बन ही सकते हैं!

BEST MSG

My,,,life,,,,

Kabhi apni hansi par bhi aata hai gussa.
Kabhi saare jahan ko hasane ko jee chahta hai.


Kabhi chhupa leta hai gamo ko kisi kone me ye dil.
Kabhi kisi ko sab kuch sunane ko jee chahta hai.


Kabhi rota nahi mann kisi kimat par bhi.
Kabhi yu hi aansu bahane ko jee chahta hai.


Kabhi achha lagta hai aazad udna.
Kabhi kisi bandhan me bandh jaane ko jee chahta hai.


Kabhi lagte hai apne baigane se.
Kabhi baigano ko apna banane ko jee chahta hai.


Kabhi upar wale ka naam nahi aata zuban par.
Kabhi uske paas jane ko jee
chahta hai...

04/06/2012

AATM VISVAS ki Sakti

कैटलिना द्वीप
कैलिफोर्निया के
समुद्री किनारे से इक्कीस
मील दूर है, और कई
लोगों ने इस दूरी को तैर
कर पार करने
की चुनौती ली .
४ जुलाई
१९५२ को फ्लोरेंस चैडविक
कालोफोर्निया तक तैरने
के लिए कैटलिना द्वीप के
पानी में उतरी.
उसने अच्छी शुरुआत की और
सबकुछ
सही हो रहा था कि
अचानक धुंध छाने लगी और
मौसम ठंढा होने लगा. पैर
भी वो लगी रही और
संघर्ष करती रही, लेकिन
१5 घंटे बाद, वो एकदम
शिथिल और ठंडी पडने
लागित ही, उसने खुद
को पानी से बाहर
निकालने को कहा.
जब वो सामान्य हुई,
तो उसे
बताया गया कि जब उसे
पानी से
निकाला गया तो वह
कैलिफोर्निया के किनारे
से मात्र आधा मील दूर
थी. उसने कहा कि वो ये
कर सकती थी, अगर कोहरे
ने उसकी दृष्टि कमजोर
ना कर दी होती तो और
वो असफल होने पर रोई ये देख
पति कहाँ टूटना नही
मंजिल दूर नही है. उसने
वादा किया कि यह
आखिरी बार है जब उसने
हिम्मत हारी है.अब
वो वापस अपने कठिन
अभ्यास के लिए गयी. और
दो महीने बाद उसने
वो दूरी पार कर ली.
उसने यह कर दिखाया.इस
बार ओर अधिक धुंध थी और ठंढ
पड़ रही थी, और
उसकी नज़र
धुंधली पड़ी भी थी, लेकिन इस
बार वह दृढ आत्मविश्वास
के साथ और
अपनी मानसिक दृष्टि के
साथ तैर रही थी. उसे
पता था कि कोहरे के उस
तरफ कही पर जमीं हैओर उसे वहाँ जाना है वह
सफल हुई और
पहली महिला बनी जिसने
उस दूरी को तैरकर पार
किया हो. यहाँ तक
कि उसने
पुरुषों का कीर्तिमान
भी दो घंटे से पीछे छोड़
दिया.
नैतिक पहलू: जब आप
अपना लक्ष्य निर्धारित
करते हैं, तो तब भी उसके
लिए तब भी प्रयासरत
रहिये जब आप मानसिक
या शारीरिक रूप से थके
हों और सामने कई
चुनौतियाँ हों. अपने
लक्ष्य को एकदम कांच
कि तरह स्पष्ट रखिये और
कभी भी बीच में ना हिम्मत
हरिये! अपनी मंजिल पर
नज़र रखिये, दृढ
प्रतिज्ञा बने रहिये और
आप निश्चित रूप से
अपनी मंजिल को पा लेंग

visvas me safalta

आत्मविश्वास
ही सफलता की प्रथम सीढी है ।
यह इस आधार पर कहा जा सकता है
कि जिस व्यक्ति का आत्मविश्वास
कमजोर होता है वह अपने जीवन में
कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर
पाता । सफलता एवं उन्नती के
शिखर पर केवल वहीं पहुँच सकता है
जिसका मनोबल , आत्मविश्वास
सुदृढ़ होगा। आत्मविश्वास का जन्म
मन में होता है । मनुष्य का मन
समस्त इन्द्रियों का स्वामी और
गतिविधियों का केन्द्र
माना जाता है । मन के संकेत पर
ही एवं उसकी प्रेरणा से ही शरीर
का संचालन सुचारु रुप से होता है ।
यदि मन न होता तो मनुष्य शरीर
अपने आप में बड़ा लाचार होता ,
क्योकि मनुष्य का मन जो कहता है
वह वही करता है किन्तु मनुष्य
की कुछ सीमाएं भी हैं उन्हें वह पार
नहीं कर सकता । मनुष्य का शरीर
आग में जल जाता है , पानी में गल
जाता है ,वायु-धूप में वह सूख
जाता है , शीत धाम
वर्षा सभी इसे विचलित कर
देती हैं । यह तन थक जाता है , टूट
जाता है और हिम्मत हार बैठता है
। इस बेचारे शरीर से मनुष्य वह सब
कुछ नहीं कर सकता था जो आज उसने
कर दिखाया है मात्र शरीर से यह
सब संभव नही हो सकता उसके लिए
उसे अपने आप
को आत्मविश्वासी बनाना होगा तभी वह
अपने आप को ऊँचाइयों के शिखर पर
पहुँचा सकता है।
आज वैज्ञानिक,सास्कृतिक और
कलात्मक उपलब्धियाँ मनुष्य के
शरीर के कारण नहीं अपितु उसके
आत्मविश्वास के कारण ही प्राप्त
हो सकी हैं । आत्मविश्वास वह है
जिसे न तो कोई तोड़ सकता है , न
उसे हिला सकता है यदि वह
आत्मविश्वास द्रढ़ है तो । मनुष्य
का मन भी उस की सफलता में
कहीं न कहीं भागीदार अवश्य
होता है क्योंकि मन के अंदर
ही किसी कार्य को करने
की इच्छा का जन्म होता है । मन
शरीर का एक ऐसा यंत्र है जिससे
शरीर का संचालन सुचारु रुप से
होता है। इस लिए हम कह सकते हैं
कि जो व्यक्ति अपने मन से हार
मान बैठता है उसे संसार
की को भी ताकत
नहीं जिता सकती और
जो व्यक्ति अपने मन से
नही हारा है उसे संसार की कोई
भी ताकत हरा नहीं सकती ।
जो व्यक्ति अपने मन मे दृढ संकल्प के
साथ कार्य आरंभ करता है वह
कभी भी जीवन में हारता नहीं ।
मन न हारने का अर्थ है हिम्मत न
हारना , अपना हौसला बनाए
रखना । जब तक मनुष्य में यह
हौसला बना रहता है वह शांत
नहीं बैठता वह कोई न कोई नए
कार्य को करने में निरंतर
लगा ही रहता है । जिस
व्यक्ति का आत्मविश्वास दृढ है वह
बार-बार असफल होकर
भी सफलता की राह पर
सदा गतिशील रहता है ।
सफलता भी उसी के कदम चूमती है
जो अपने आप को सफलता पर ले
जाना चाहता है । जीवन एक
संघर्ष है और जो इस संघर्ष में सफल
होता है वही सही अर्थों में मनुष्य
है और जो इस संघर्ष से घबराकर
विचलित हो जाते हैं उनका जीवन
व्यर्थ है । जीना है तो सदैव
आत्मविश्वास के साथ ।
आत्मविश्वासी व्यक्ति तो
पहाड़ों को भी काटकर
नदियाँ बना सकता है, बस
जरुरता है दृढ़ संकल्प की । जीवन
एक संघर्ष है इसके लिए अंग्रेजी में
एक कहावत है कि -
"किसी भी लड़ाई में तब तक हार
नहीं माननी चाहिए जब तक
कि जीत न ली जाए।" वास्तव में
कोई भी संघर्ष या लड़ाई मनुष्य
अपने आत्मबल ( आत्मविश्वास ) के
भरोसे पर ही जीत सकता है।
मनुष्य शरीर तो एक साधन मात्र
रहता है।
हमें इतिहास में अनेक ऐसे
व्यक्तियो के उदाहरण मिल जाएंगे
जिन्होंने अपने आत्मबल के भरोसे से
दुनिया को झुका दिया असंभव
को भी संभव कर दिखाया । हमें
हमारे इतिहास में अनेक
व्यक्तियों के जीवन चरित्र पढ़ने
को मिलते हैं जो आजीवन
कठिनाइयाँ झेलते रहे किन्तु अन्त में
सफल हुए। आज उन
व्यक्तियों को असाधारण
महापुरुषों की श्रेणी में रखते हैं ।
इसका क्या कारण है?
इसका कारण यही है कि इन
लोगों ने विषम परिस्थितियों के
आगे अपने घुटने नहीं टेके और
उसका डटकर मुकाबला किया और
उन विषम परिस्थितियों पर
विजय प्राप्त की इसी कारण आज
हम उन्हें असाधारण मनुष्य मानते हैं
। जैसा कि हम उदाहरण
राष्ट्रपिता महात्मागाँधी जी का ले
सकते हैं जिन्होने अपने जीवन में
अपने आत्मविश्वास के बल पर
ब्रिटिश साम्राज्य की नीव
हिला कर रख दी थी । ब्रिटिश
सरकार उन्हें तोड़ न सकी क्यों ?
क्योंकि उनका आत्मविश्वास सुदृढ़
था । यदि उनका मनोबल कमजोर
पड़ जाता तो शायद आज हम
आजादी की हवा में सांस न ले रहे
होते बल्कि ब्रिटिश साम्राज्य के
शासकों के अत्याचारों का शिकार
हो रहे होते । इस लिए हम कह
सकते हैं कि जिस
व्यक्ति का आत्मविश्वास दृढ़
होता है उसे बड़ी से
बड़ी बाधा भी नही हरा सकती ।
यह बात जरूर है
कि जो व्यक्ति सच्चाई की राह
पर चलता है उसे
कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है
किन्तु सफलता भी उसी व्यक्ति के
कदम चूमती है जो सच्चाई और
आत्मविश्वास के साथ अपने लक्ष्य
की प्राप्ति का प्रयास करता है

दूसरा उदाहरण हम
स्वामी विवेकानंद का ले सकते हैं
जिन्होंने अपनी विदेश यात्रा के
दौरान जब अमेरिका में भाषणों के
दौरान उन्हें भाषण देने
की अनुमति न मिलने पर वे निराश
नहीं हुए ,बल्कि उन्होंने किसी न
किसी तरह भाषण देने
की अनुमति प्राप्त कर ही ली
उन्होंने अपना आत्मविश्वास
नहीं खोया उन्हें केवल कुछ समय
की ही अनुमति मिली थी किन्तु
जैसे ही उन्होंने अपना भाषण आरंभ
किया वहाँ पर बैठे सभी लोग उनके
भाषण सुनकर मंत्र मुग्ध हो गए और
उन्होंने पाँच मिनट के स्थान पर
बीस मिनट का भाषण दिया और
अपने देश का नाम उज्ज्वल किया ।
यह सब कार्य उन्होंने अपने
आत्मविश्वास के बल पर
ही किया । उन्होंने
आशा का दामन नहीं छोड़ा और आज
एक महान पुरुष के रुप में याद किए
जाते हैं । जो व्यक्ति आत्मविश्वास
के साथ अपना कार्य करता उसे
सफलता अवश्य मिलती ह

Best sms

DEAR,

Zindagi sapno ki nhi haqiqat ki jiya kro
kyuki,

Sapno me sirf phul khila karte hai,

Wo phul apko kya zindgi denge,
Jo khud 2 din jiya karte hai.

NICE THOUGHT

**
"Khushi "Ke Liye Kaam Karoge To Khushi Shyad Na Mile,
Lekin...
"Khush Hokar" agar Kaam Karoge To "Khushi"
Zarur Milegi*

02/06/2012

MY HEART SAY-

..
Kaafi Arsa Beet Gaya,
Jane Ab Vo Kaisi Hogi..
.
Waqt Ki Saari Kadwi Baate,
Chup-Chup se Wo Sahti Hogi,
.
Ab Bhi Bhigi Barish Me Wo,
Bin Chatri ke Chalti Hogi,
.
Mujhse Bichde Arsa Ho Gaya,
Ab Wo Kis se Ladti Hogi..
.
Achha Tha
Jo Saath Me The hum,
Baad Me Usne Socha Hoga.
.
Apne Dil Ki Sari Baate,
Khud Hi Khud Se Karti Hogi.

Aakhe Nam Bhi Hoti Hogi
Yaad Wo Jab B Karti Hogi
Kafi Arsa Bit Gaya,
Jane Ab Wo Kaisi Hogi
Na jane wo kesi hogi..

BEAUTIFUL THINK

#
श्रृद्धा बहुत ऊची चीज है
विश्वास और
श्रृद्धा का मूल्यान्कन
करना सम्भव नही है जैसे
अप्रिय शब्दों से
अशांति और दुख
पैदा होता है, ऐसे
ही श्रृद्धा और विश्वास
से अशांति शांति में बदल
जाती है, निराशा आशा में
बदल जाती है, कोध
क्षमा में बदल जाता है,
मोह क्षमता में बदल
जाता है, लोभ संतोष में
बदल जाता है और काम
राम में बदल जाता है ।
श्रृद्धा एवं विश्वास के
बल से और कई रासायनिक
परिवतर्न होते है ।
श्रृद्धा के बल से शरीर
का तनाव शांत
हो जाता है, मन
संदेह रहित हो जाता है,
बुद्धि में दुगनी-
तिगुनी योग्यता आती है
और अज्ञान की परतें हट
जाती हैं ।
श्रध्दा ओर विश्वास से व्यक्ति विजेता बन सकता है !ईश्वर इन्ही चिजो मेँ निवास करता है!

great story

(प्रेरक प्रसंग-
बहुत पुरानी बात है
कहीं एक गावं था, जहाँ के
अधिकाँश लोग येन केन
प्राकरेण धन कमाने में लगे
हुए थे | उन सब के लिए
पैसा ही भगवान था |
लेकिन उसी गावं में एक
ब्राह्मण
ऐसा भी था जिसने
कभी भी कोई बुरा काम
नही किया था, सत्य
की राह पर चलते हुए
जो भी मिलता उसी से
गुजारा करता था | गाँव
वाले कतई उसकी इज्ज़त
नहीं किया करते थे
क्योंकि वह
बेचारा निर्धन था | एक
दिन उस ब्राह्मण ने
पूजा पाठ करते हुए
भगवान
को उलाहना दिया,
"हे ईश्वर, इस पूरे गाँव में
एक मैं ही हूँ जो कि धर्म
और सत्य की राह पर चल
रहा हूँ, मगर फिर
भी पूरा गाँव तो खुशहाल
है और अकेला मैं
ही भूखा मर रहा हूँ |"
उसी समय
आकाशवाणी हुई :
"तुम्हारा पूरा गाँव पाप
में डूब चुका है और
सभी लोग केवल तुम्हारे
सत्य के वजह से ही बचे हुए
हैं | लेकिन अब समय आ
चुका है कि गाँव वाले तुम्हे
यहाँ रहने भी नहीं देंगे |
"अब मैं क्या करूँ भगवान ?"
चिंतित ब्राह्मण ने पूछा |
फिर से उसे सुनाई दिया:
"तुम अपना कर्म करो और
गाँव छोड़ कर चले जाओ |"
उसने कहा "नहीं प्रभु मैं ये
गाँव छोड़ कर
नहीं जाऊंगा |"
"जैसी तुम्हारी मर्जी |"
और आकाशवाणी बंद
हो गई |
वह ब्राह्मण
सीधा अपनी पत्नी के
पास गया और पूरी बात
उसको बता दी | दोनों ने
बिचार किया कि अगर
हमारी वजह से गाँव
बचा हुआ है तो हम हरगिज़
भी ये गाँव छोड़ कर
नहीं जायेंगे |
उसी गाँव में दो चोर
भी रहते थे थे जो अक्सर
उस ब्राह्मण के लिए
परेशानियां पैदा करते
रहते थे | उन चोरों ने
सोचा कि क्यों न इस
ब्राह्मण
को झूठी चोरी के आरोप में
फसाकर गाँव
निकाला करवा दिया
जाए | वो दोनों रात
को चोरी का सामान
ब्राह्मण के घर
छुपा दिया | अगले दिन
चोरी के आरोप में उस
ब्राह्मण को पकड़
लिया गया और मुखिया के
द्वारा गावं निकाले
का हुक्म
सुना दिया गया |
ब्राह्मण और
उसकी पत्नी गाँव
वालो की चिंता करते हुए
गाँव के बाहर निकल गए |
मगर गाँव जस का तस
रहा और गाँव का कुछ
भी नहीं बिगड़ा | तब
ब्राह्मण ने भगवान
को आवाज लगाई:
"हे प्रभु आप तो आप कह रहे
थे हमारे सत्य पर गावं
टिका हुआ हैं, तो अब भी येँ
गाँव वैसा ही
क्यों हैं ?"
तो उसी समय
आकाशवाणी हुई :
"हे विप्रवर, अब भी गाँव
तुम्हारे ही सत्य पर
टिका हुआ हैं,
क्योंकि अभी भी उस गावं
में तुम्हारा घर मौजूद हैं |"
वह ब्राह्मण
अपनी पत्नी सहित अपने
गाँव से दूर एक मंदिर में
रात बिताने के लिए रुक
गया | सुबह आँख
खुली तो मंदिर
का पुजारी आया और
बोला :भयंकर लहर मेँ
"कल आपका पूरा गाँव
गंगा जी के आगोश में
समां गया |
रात को गावं
वालों ने आपके घर को आग
लगा दी, जैसे ही घर जल
कर खाक हुआ ! किसी ने खुब कहा- सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नही...

KOI KHAS NAHI @

छू ही जाती है मेरे दिल
को
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास
नहीं .
एक दोस्त है
कच्चा पक्का सा ,
एक झूठ है आधा सच्चा सा .
जज़्बात को ढके एक
पर्दा बस ,
एक बहाना है
अच्छा अच्छा सा .
जीवन का एक
ऐसा साथी है ,
जो दूर हो के पास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास
नहीं .
हवा का एक
सुहाना झोंका है ,
कभी नाज़ुक
तो कभी तुफानो सा .
शक्ल देख कर जो नज़रें
झुका ले ,
कभी अपना तो कभी
बेगानों सा .
जिंदगी का एक
ऐसा हमसफ़र ,
जो समंदर है , पर दिल
को प्यास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास
नहीं .
एक साथी जो अनकही कुछ
बातें कह जाता है ,
यादों में जिसका एक
धुंधला चेहरा रह
जाता है .
यूँ तो उसके न होने का कुछ
गम नहीं ,
पर कभी - कभी आँखों से आंसू
बन के बह जाता है .
यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में
है ,
पर इन
आँखों को उसकी तलाश
नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास
नहीं!!!

खूबसूरत है वो लब जिन पर
दूसरों के लिए कोई दुआ आ
जाए,
खूबसूरत है वो मुस्कान
जो दूसरों की खुशी देख कर
खिल जाए,
खूबसूरत है वो दिल
जो किसी के दुख मे शामिल
हो जाए,
खूबसूरत है वो जज़बात
जो दूसरो की भावनाओं
को समझ जाए,
खूबसूरत है वो एहसास
जिस मे प्यार की मिठास
हो जाए,
खूबसूरत है वो बातें जिनमे
शामिल हों दोस्ती और
प्यार की किस्से,
कहानियाँ,
खूबसूरत है वो आँखे जिनमे
किसी के खूबसूरत ख्वाब
समा जाए,
खूबसूरत है वो हाथ
जो किसी के लिए मुश्किल
के वक्त सहारा बन जाए,
खूबसूरत है वो सोच जिस मैं
किसी कि सारी ख़ुशी झुप
जाए,
खूबसूरत है वो दामन
जो दुनिया से किसी के
गमो को छुपा जाए,
खूबसूरत है वो किसी के
आँखों के आसूँ जो किसी के
ग़म मे बह जाए.........
खूबसूरत है वो लब जिन पर
दूसरों के लिए कोई दुआ आ
जाए,
खूबसूरत है वो मुस्कान
जो दूसरों की खुशी देख कर
खिल जाए,
खूबसूरत है वो दिल
जो किसी के दुख मे शामिल
हो जाए,
खूबसूरत है वो जज़बात
जो दूसरो की भावनाओं
को समज जाए,
खूबसूरत है वो एहसास
जिस मे प्यार की मिठास
हो जाए,
खूबसूरत है वो भावनाएँ जिनमे
शामिल हों दोस्ती का साथ ,सच्चे
प्यार की मिठास ....वो अपनापन ओर विश्वास!

best line

Life ka bahut bada suspanse ye hai ki,

Hum jante hai hum kiske liye ji rahe hai.
Lekin ye kabhi nahi jan pate ki hamare liye kon ji raha hai...

01/06/2012

SAAHAS

निराशा से आप कभी कुछ हासिल नही कर सकते ओर न ही आज तक कोई कर सका है ! हताश न
होना सफलता का मूल है
और यही परम सुख है।
उत्साह मनुष्य
को कार्य करने के लिये प्रेरित
करता है और उत्साह
ही कर्म को सफल
बनता है। हर व्यक्ति में
प्रतिभा होती है।
दरअसल उस
प्रतिभा को निखारने के
लिए गहरे अंधेरे रास्ते में
जाने का साहस कम
लोगों में ही होता है। क्योकि अंधेरे मेँ ही प्रकाश चमकता है! यह
सच है कि पानी में
तैरनेवाले ही डूबते हैं,
किनारे पर खड़े रहने वाले
नहीं,
मगर ऐसे लोग
कभी तैरना भी नहीं सीख
पाते।
जिस काम को करने
में डर लगता है, उसको करने
का नाम ही साहस है ।
बिना निराश हुए
ही हार को सह
लेना इस पृथ्वी पर साहस
की सबसे बडी परीक्षा है
। संकट के समय ही नायक
बनाये जाते है। तो क्या आपमेँ है वो
धैर्य व साहस जो आपको नायक बना सके, क्योकि सफलता के
लिये कोई लिफ्ट
नही जाती इसलिये
सीढ़ीयों से
ही जाना पड़ेगा।
कष्ट और
विपत्ति मनुष्य
को शिक्षा देने वाले
श्रेष्ठ गुण हैं।
जो साहस के
साथ उनका सामना करते
हैं,
वे अवश्य विजयी होते हैं।
ऐसे
लोगों के लिए आकाश
ही सीमा है …
–SO BE FIGHTER SKY IS
THE LIMIT FOR YOU!!.........MKT