26/06/2012

Best of the Best

अपना एक
शोधपत्र लिखने के
बाद आइंस्टीन और
उनके एक
सहयोगी ने
कागज़ों को नत्थी
करने के लिए पेपर
क्लिप
को ढूंढना शुरू
किया। अंततः उन्हें
एक टेढ़ी-मेढ़ी पेपर
क्लिप
मिली जो प्रयोग
में लाने योग्य
बिलकुल नहीं थी।
फिर उन लोगों ने
उस क्लिप
को सीधा करने
का निर्णय
लिया तथा उसके
लिए उपकरण
की तलाश शुरू की।
अल्मारी की कई
दराजों में तलाश
करने के बाद
अंततः उन्हें
अच्छी क्लिपों का
एक डिब्बा मिला।
जिसमें से एक क्लिप
को निकालकर
आइंस्टीन ने
उपकरण
बनाना शुरू कर
दिया। उनके
सहयोगी ने
हतप्रभ होते हुए
पूछा कि जब
इतनी सारी अच्छी
क्लिप मौजूद हैं
तो आप उस टेढ़ी-
मेढ़ी क्लिप
को ही सीधा करने
पर क्यों उतारू हैं?
आइंस्टीन ने उत्तर
दिया -
"यदि एकबार मैं
किसी काम
को करने
का निर्णय ले
लेता हूँ, तो चाहे
कितनी भी
परेशानियां आयें मैं
उस काम
को पूरा करके
ही दम लेता हूँ।"

इस कथा से
हमे उनके व्यक्तित्व के
बारे में
पूरी जानकारी
मिलती है।तो इसलिये हर व्यक्ति को जुझारु होता चाहिये इसी मे उसकी जीत है
--

"
--
--

पवित्रता-
पूरे देश में दूर
पर्वत पर
बनी कुटिया में
रहने वाले एक
पवित्र संत
की ख्याति फैल
गयी थी। वहां से
काफी दूर स्थित
एक गांव में रहने
वाले व्यक्ति ने
कठिन यात्रा कर
उस संत के पास
जाने का निर्णय
लिया।
कई
दिनों की कठिन
यात्रा के उपरांत
जब वह व्यक्ति इस
संत की कुटिया तक
पहुंचा तो उसने
दरवाज़े पर एक
नौकर को खड़ा हुआ
पाया। उसने नौकर
से कुटिया के भीतर
जाकर पवित्र संत
को दर्शन करने
की अभिलाषा
प्रकट की। नौकर
मुस्कराया और उस
व्यक्ति को लेकर
कुटिया के अंदर
गया। जैसे ही उस
व्यक्ति ने
कुटिया में प्रवेश
किया उसकी नज़रें
पवित्र संत
को तलाशने
लगीं जिनके दर्शन
के लिए वह
इतनी दूर चलकर
आया था। पर
वहाँ कोई
नहीं था।
इसके पहले कि वह
कुछ समझ पाता वह
नौकर उसे बाहर ले
आया। वह
व्यक्ति मुड़ा और
नौकर से बोला -
"परंतु मैं पवित्र
संत के दर्शन
करना चाहता हूँ।"
नौकर ने उत्तर
दिया - "दर्शन
तो तुम पहले
ही कर चुके हो।
अपने जीवन में तुम
जिस
किसी भी व्यक्ति
से मिलो, उसे
बुद्धिमान पवित्र
व्यक्ति ही समझो
चाहे वह
कितना भी
साधारण
दिखायी दे
रहा हो। यदि तुम
ऐसा करोगे
तो तुम्हारी वे
सभी समस्यायें
जिन्हें लेकर तुम
यहाँ आए
हो अपनेआप दूर
हो जाएगीं।"

No comments:

Post a Comment