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श्रृद्धा बहुत ऊची चीज है
विश्वास और
श्रृद्धा का मूल्यान्कन
करना सम्भव नही है जैसे
अप्रिय शब्दों से
अशांति और दुख
पैदा होता है, ऐसे
ही श्रृद्धा और विश्वास
से अशांति शांति में बदल
जाती है, निराशा आशा में
बदल जाती है, कोध
क्षमा में बदल जाता है,
मोह क्षमता में बदल
जाता है, लोभ संतोष में
बदल जाता है और काम
राम में बदल जाता है ।
श्रृद्धा एवं विश्वास के
बल से और कई रासायनिक
परिवतर्न होते है ।
श्रृद्धा के बल से शरीर
का तनाव शांत
हो जाता है, मन
संदेह रहित हो जाता है,
बुद्धि में दुगनी-
तिगुनी योग्यता आती है
और अज्ञान की परतें हट
जाती हैं ।
श्रध्दा ओर विश्वास से व्यक्ति विजेता बन सकता है !ईश्वर इन्ही चिजो मेँ निवास करता है!
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