26/03/2012

SACCHA PREM--

सच्चा प्रेम आंधी की तरह नही आता , मूसलाधार की तरह भी नही बरसता !
वह तो ठंण्ड मेँ सुखदायी धूप के समान या
घास मेँ रिमझिम कि तरह आनन्दमयी होता हैँ!
सच्चा प्रेम समर्पण की भावना से सराबोर होता हैँ !
जो लोग अपने प्रेम को व्यापक एवं विशाल बना लेते हैँ, उनका प्रेम बडा पवित्र बन जाता हैँ ! फिर सच्चा प्रेम कभी नही मरता .....

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