16/04/2012

मैँ अस्थायी सपना ही सही ,
आखोँ मेँ सजा लो एक बार
गैर नही अपना हूँ मैँ यादो मेँ बसा लो एक बार
भुला दो चाहे पर यूं दूर करके,
गिरा तो टूटकर बिखर जाउगा
यूँ सजा न दो
दिल का कोमल हूँ गले से लगा लो एक बार एक बार...

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